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गंगा को गंदा करने पर 1.15 करोड़ का जुर्माना, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल निगम को भेजी नोटिस

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगरीय सीवेज को शोधित करने के लिए लगे एसटीपी के संचालन में लापरवाही पर जुर्माने की कार्रवाई की है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 10:58 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 10:58 AM (IST)
गंगा को गंदा करने पर 1.15 करोड़ का जुर्माना, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल निगम को भेजी नोटिस
गंगा को गंदा करने पर 1.15 करोड़ का जुर्माना, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल निगम को भेजी नोटिस

वाराणसी, जेएनएन। गंगा में प्रदूषण कम करने को लेकर उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त हो गया है। इसी क्रम में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगरीय सीवेज को शोधित करने के लिए लगे एसटीपी के संचालन में लापरवाही पर जुर्माने की कार्रवाई की है। 

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गोइठहां समेत दीनापुर व भगवानपुर में स्थापित चार एसटीपी के सापेक्ष 1.15 करोड़ जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि जल निगम के परियोजना प्रबंधक से वसूल होगी। साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। सर्वाधिक जुर्माना गोइठहां एसटीपी पर 90.30 लाख रुपये लगाया गया है। 

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि भगवानपुर एसटीपी पर 7.74 लाख, गोइठहां एसटीपी पर 90.30 लाख, दीनापुर स्थित 140 व 80 एमएलडी के एसटीपी पर 8.42 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बताया कि संबंधित विभाग के परियोजना प्रबंधक को नोटिस भेजकर जुर्माना वसूला जाएगा।बीते दिनों एनजीटी के पूर्वी यूपी के चेयरमैन पूर्व न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कालिका सिंह ने नाव से राजघाट से सामनेघाट तक निरीक्षण किया था। इस दौरान मानक से अधिक प्रदूषक गंगा में मिले। 

अधिकांश समय बंद रहते एसटीपी 

अफसरों की जांच-पड़ताल के बाद यह भी पता चला कि दीनापुर, गोइठहां, भगवानपुर के एसटीपी पूरी क्षमता से नहीं चल रहे। वहीं अधिकांश समय ये सीवेज पंपिंग स्टेशन बंद रहते हैं। 

पूर्व में भी हुई थी जुर्माने की संस्तुति 

इससे पूर्व भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दीनापुर स्थित एसटीपी के संचालन में खामियां मिलने पर करीब 27 लाख रुपये जुर्माने की संस्तुति की थी। बोर्ड की रिपोर्ट में पाया गया कि शोधित पानी का 10/27 बीओडी था जबकि मानक के अनुसार 10/27 बीओडी होना चाहिए।

नालों से 150 एमएलडी जा रहा मलजल 

बोर्ड के अफसरों ने बताया कि अभी भी गंगा में विभिन्न नालों के माध्यम से 150 एमएलडी मलजल जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार गंगा इस पार तीन नाले मिलते हैं। इसमें नगवां, समानेघाट व नक्खी घाट नाला है। इसी प्रकार गंगा उस पार रामनगर में पांच व मुगलसराय में दो नालों से सीधे गंदगी जा रही है। 


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