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शब-ए-कद्र की दूसरी रात बनारस में भी जारी रहा इबादतों का सिलसिला, मांगी बीमारों के शिफा की दुआ

शब-ए-कद्र की दूसरी रात उम्मते मुस्लिमा इबादत-ए-इलाही में मशगूल रही। रात भर घरों में तिलावते कलामपाक की सदा बुलंद रही तो वहीं नफ्ली नमाजों का भी एहतेमाम किया गया। इससे पूर्व बुधवार को मगरिब की अजान होते ही रोजेदारों ने खजूर व शर्बत से रोजा खोला।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 01:31 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 01:31 PM (IST)
शब-ए-कद्र की दूसरी रात बनारस में भी जारी रहा इबादतों का सिलसिला, मांगी बीमारों के शिफा की दुआ
बुधवार को मगरिब की अजान होते ही रोजेदारों ने खजूर व शर्बत से रोजा खोला।

वाराणसी, जेएनएन। शब-ए-कद्र की दूसरी रात उम्मते मुस्लिमा इबादत-ए-इलाही में मशगूल रही। रात भर घरों में तिलावते कलामपाक की सदा बुलंद रही तो वहीं नफ्ली नमाजों का भी एहतेमाम किया गया। इससे पूर्व बुधवार को मगरिब की अजान होते ही रोजेदारों ने खजूर व शर्बत से रोजा खोला और अपना 22वां रोजा मुकम्मल किया। इफ्तार के दस्तरख्वान पर अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे कोरोना मरीजों की शिफा के लिए दुआएं मांगी।

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इशा की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने थोड़ा आराम किया। फिर कुछ लोगों ने मस्जिदों का रुख किया तो वहीं बाकियों ने घरों में रहकर ही इबादतों का सिलसिला सारी रात जारी रखा। गुरुवार की भोर में सहरी कर इबदतगुज़ारों ने 23वें रोजे की नीयत की। अज़ान के बाद घरों में ही फज्र की नमाज अदा की गई। शब-ए-क्रद वह अजीम रात है, जिसके बारे में फरमाया गया है कि इस एक रात इबादत करना हजार महीनों की इबादत से अफजल है। आखिरी अशरे की ताक रातों (21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं व 29वीं) में इबादतों के जरिए 'शब-ए-कद्र' की तलाश करने का हुक्म है। पिछले रमजान के मुकाबले इस बार कोरोना का प्रकोप अधिक है। इस बार न सिर्फ संक्रमण की दर ज्यादा है, बल्कि अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। समाज का शायद ही कोई तबका होगा, जो महामारी के प्रकोप से अब तक बचा हो। किसी के परिवार का तो किसी के दोस्त-रिश्तेदार और पहचान वाले अस्पतालों में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। बुधवार की रात शब-ए-कद्र की दूसरी रात थी। उम्मते मुस्लिमा ने खुदा की बारगाह में इबादतों के जरिए महामारी से छुटकारा दिलाने के लिए रो-रो कर इल्तिजा की। इस दौरान मुल्क की तरक्की और खुशहाली की दुआएं भी मांगी गई।


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