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री-काउंटिंग की तर्ज पर एमएलसी चुनाव में री-वोटिंग, पीठासीन अधिकारी दोबारा जारी कर सकेेंगे मत पत्र

मतदाता यदि इस बात को लेकर आपत्ति करता है कि भूलवश उसने किसी दूसरे प्रत्याशी के नाम के सामने अधिमान अंकित कर दिया जबकि उस उम्मीदवार को वोट देने की उसकी मंशा नहीं थी तो पीठासीन अधिकारी पहले मत पत्र को निरस्त करते हुए दूसरा मत पत्र जारी करेंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 08:50 AM (IST)
री-काउंटिंग की तर्ज पर एमएलसी चुनाव में री-वोटिंग, पीठासीन अधिकारी दोबारा जारी कर सकेेंगे मत पत्र
शिक्षक व स्नातक एमएलसी चुनाव में मतदाताओं को री-वोटिंग का मौका मिल सकता है।

चंदौली [जितेंद्र उपाध्याय]। शिक्षक व स्नातक एमएलसी चुनाव में मतदाताओं को री-वोटिंग का मौका मिल सकता है। आयोग ने पीठासीन अधिकारी को अपने विवेक से दोबारा मत पत्र जारी करने का अधिकार दिया है। मतदाता यदि इस बात को लेकर आपत्ति करता है कि भूलवश उसने किसी दूसरे प्रत्याशी के नाम के सामने अधिमान (अंक लिखकर वरीयता के आधार पर मत देना) अंकित कर दिया, जबकि उस उम्मीदवार को वोट देने की उसकी मंशा नहीं थी तो पीठासीन अधिकारी पहले मत पत्र को निरस्त करते हुए दूसरा मत पत्र जारी करेंगे। निरस्त व नए मत पत्रों पर पीठासीन अधिकारी के साथ ही मतदाता के दस्तखत कराए जाएंगे। निरस्त मत पत्रों को रिकार्ड के लिए अलग लिफाफे में सील किया जाएगा। 

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एक दिसंबर को विधान परिषद सदस्य पद के लिए मतदान होगा। इसके लिए जिले में 35 मतदान केंद्र व इतने ही बूथ बनाए गए हैं। चुनाव के लिए 17 हजार 992 मतदाता पंजीकृत हैं। दरअसल एमएलसी चुनाव में मतदान की प्रक्रिया थोड़ी अलग है। एक मतदाता चाहे, तो कई उम्मीदवारों को अलग-अलग वरीयता के आधार पर अपना मत दे सकता है। मतदाताओं को बैगनी रंग की स्केच पेन से मतपत्र पर अधिमान अंकित करना होगा। हालांकि एक ही प्रत्याशी को दो वरीयता के मत नहीं दिए जा सकते हैं। कारण, इससे मतगणना के दौरान वरीयता के मतों की गिनती में मुश्किल होगी।

एमएलसी चुनाव में शिक्षित मतदाताओं को ही मत देने का मौका मिलता है। लेकिन प्रक्रिया थोड़ी अलग होने की वजह से गलती होने की आशंका है। ऐसे में आयोग ने मतदाताओं के लिए री-वोटिंग का प्रविधान किया है। मसलन, कोई मतदाता भूलवश किसी दूसरे प्रत्याशी को अपना वोट दे देता है तो उसे पीठासीन अधिकारी को यह बात बतानी होगी। पीठासीन अधिकारी अपने अधिकारों व विवेक का इस्तेमाल करते हुए पहले मत पत्र को निरस्त कर देगा। वहीं री-वोटिंग के लिए दूसरा मत पत्र जारी कर सकता है। दोनों मत पत्रों पर पीठासीन व मतदाता के दस्तखत कराए जाएंगे। बैलेट बाक्स में मत पत्र डालने से पहले फट जाने, स्याही गिर जाने अथवा किसी तरह से मत पत्र को क्षति पहुंचने की स्थिति में भी मतदाताओं को दोबारा मत पत्र जारी किया जा सकता है। हालांकि पीठासीन अधिकारी को विश्वास में लेना होगा। 

बोले अधिकारी

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी किया है कि यदि मतदाता भूलवश किसी दूसरे प्रत्याशी के नाम के सामने अधिमान अंकित कर देता है, बैलेट बाक्स में डालने से पूर्व मत पत्र फट जाए, स्याही गिर जाए अथवा किसी अन्य तरह से मत पत्र को क्षति पहुंचे, तो पीठासीन अधिकारी अपने विवेक व अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मतदाता को वोट डालने के लिए दूसरा मत पत्र जारी कर सकता है। निरस्त मत पत्र पर मतदाता से हस्ताक्षर कराना होगा। पीठासीन अधिकारी भी दस्तखत करेंगे। नए मत पत्र पर भी मतदाता व पीठासीन के दस्तखत होंगे। 

- डा. एके श्रीवास्तव, सीडीओ।


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