गर्भवती पत्नी और दो मासूम बच्चों को जहर देकर मौत की नींद सुलाने के बाद खुद भी फांसी पर लटका
कैंट थानान्तर्गत हुकुलगंज निवासी दुकानदार किशन गुप्ता का पूरा परिवार खत्म हो गया।
वाराणसी, जेएनएन। कैंट थानान्तर्गत हुकुलगंज निवासी दुकानदार किशन गुप्ता का पूरा परिवार खत्म हो गया। दुकानदार ने गर्भवती पत्नी व दो मासूम बच्चों को जहर देकर मौत की नींद सुलाने के बाद खुद भी फांसी पर लटक गया। इस घटना को जिसने देखा उसका कलेजा मुंह को आ गया। हर किसी ने बस यही कहा- हे किशन! यह क्या कर दिया तूने। मौके पर पहुंचे हर किसी को दोनों मासूमों की मासूमियत ने झकझोर कर रख दिया। थम चुकी सांसों के बाद बेड पर स्थिर पड़े दोनों बच्चों शिखा व उज्जवल को देख सभी रो पड़े।
दर्द का सैलाब यहीं नहीं रुका। घर के पास ही जिस निजी स्कूल में दोनों बच्चे पढ़ते थे वहां की टीचर व प्रधानाचार्य तक सदमे में हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि दोनों होनहार मासूम अब दुनिया में नहीं हैं। प्रधानाचार्य मोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि शिखा यूकेजी में पढ़ती थी जबकि उज्जवल एलकेजी में। सरकार की ओर से गरीब बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं के तहत दोनों मासूमों को स्कूल में दाखिला मिला था। दोनों पढ़ने में होनहार थे। पिता किशन गुप्ता भी मिलनसार थे। घटना को लेकर एकबारगी किसी को भरोसा ही नहीं हो रहा है।
र्भ में है बच्चा, बचा लीजिए साहब : परिजनों को किशन गुप्ता की गर्भवती पत्नी की मौत को लेकर चिंता अधिक दिखी। मौके पर पहुंचे अफसरों से बार-बार गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाने की गुहार लगाई जा रही थी। दुकानदार के पिता अमरनाथ गुप्ता कमिश्नर व डीएम से बार-बार यही कह रहे थे कि बहू के गर्भ में बच्चा पल रहा है, बचा लीजिए साहब! प्रशासन ने भी पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल के चिकित्सकों से इस बाबत जानकारी साझा करते हुए गर्भस्थ शिशु को बचाने की संभावनाएं तलाशने का अनुरोध किया लेकिन कोई बात नहीं बनी। चिकित्सकों के अनुसार बहुत देर हो चुकी थी।