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अब धोती-कुर्ता वाले 'चौकीदार साहब'

विजय उपाध्याय, वाराणसी आजादी के पहले से गांव की पगडंडियों पर कदमताल करने वाले चौकीदारा

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Dec 2017 08:50 PM (IST)Updated: Sat, 02 Dec 2017 08:50 PM (IST)
अब धोती-कुर्ता वाले 'चौकीदार साहब'
अब धोती-कुर्ता वाले 'चौकीदार साहब'

विजय उपाध्याय, वाराणसी

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आजादी के पहले से गांव की पगडंडियों पर कदमताल करने वाले चौकीदारों को न तो समय पर मेहनताना मिलता था और न ही उचित सम्मान। परेशान-बदहाल चौकीदार अफसरों से गुहार लगा लगाकर थक चुके थे मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। मगर निजाम बदलते ही उनकी दिनदशा में भी परिवर्तन की आस जग उठी। अंतत: उनकी उम्मीदों को योगी सरकार ने परवान चढ़ाने की पहल की। योजना के तहत चौकीदारों को पहली बार अगले सप्ताह में पारंपरिक वेशभूषा प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया जाएगा। पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में उन्हें सफेद धोती, कुर्ता, लाल रंग का साफा, सदरी, टार्च और काले रंग के जूते दिए जाएंगे। इसके लिए करीब 10 लाख रुपये का बजट भी मिल चुका है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अभी 380 व शहरी क्षेत्रों में 50 चौकीदारों की तैनाती है। वे न सिर्फ पुलिस को सटीक सूचना देते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर वादी भी बनते हैं। यह प्रयोग अंग्रेजों के समय से चलता आ रहा है लेकिन समय से अनुदान व उचित सम्मान न मिलने के चलते उनकी कार्यशैली में भी शिथिलता आती गई। परिणाम स्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध की घटनाओं में बेतहाशा इजाफा होता रहा। पैसे की किल्लत के चलते कई लोगों ने चौकीदारी तक छोड़ दी। पुलिस के सामने संकट इस बात को लेकर उत्पन्न हो गया कि आखिर गांवों की सुरक्षा कौन करेगा। सपा सरकार में काफी प्रयास हुआ कि उनके अनुदान में बढ़ोतरी की जाए लेकिन प्रयास असफल रहा। भाजपा सरकार आने के बाद भी पुलिस ने योजना को साकार करने के लिए शासन तक संपर्क किया। परिणाम स्वरूप प्रति महीने 800 रुपये मिलने वाले मानदेय में बढ़ोतरी कर 1500 रुपये कर दिया गया है। खास बात यह है कि ये रुपये चौकीदारों को हाथ में न मिलकर उनके खाते में सीधे जाएगा। इससे भ्रष्टाचार में कमी आने की संभावना है। एसपी ग्रामीण अमित कुमार ने बताया कि पूरी उम्मीद है कि अगले सप्ताह पुलिस लाइन में चौकीदारों का सम्मान किया जाएगा।

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गांवों की सुरक्षा के सजग प्रहरी के तौर पर चौकीदार ही होते हैं। हर छोटी-बड़ी घटना की जानकारी सबसे पहले पुलिस को उन्हीं से मिलती है। उनकी उपयोगिता को देखते हुए शासन ने उनके मानदेय में बढ़ोतरी की है। अगले सप्ताह उनका धोती, कुर्ता व साफा के साथ सम्मान किया जाएगा।

-अमित कुमार, एसपी ग्रामीण।

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चौकीदार बनने की बढ़ी मांग, शासन से मांगी गई अनुमति

मानदेय में बढ़ोतरी के साथ ऑनलाइन पेमेंट के बाद चौकीदार बनने की होड़ मची हुई है। इस साल अब तक करीब 100 लोगों ने आवेदन किया है। इसकी सूची शासन को भेज दी गई है। वहां से हरी झंडी मिलते ही स्थानीय स्तर पर भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी।


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