अब दसवीं पास ही बन सकेंगे कोटेदार, इलेक्ट्रानिक सिस्टम के बढ़ते प्रयोग के कारण हुए बदलाव
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें अब अंगूठा छाप कोटेदार के हवाले नहीं होगी। शासन ने कोटेदार की न्यूनतम योग्यता हाईस्कूल (दसवीं पास) तय कर दी है।
आजमगढ़ [संजय श्रीवास्तव]। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें अब अंगूठा छाप कोटेदार के हवाले नहीं होगी। शासन ने कोटेदार की न्यूनतम योग्यता हाईस्कूल (दसवीं पास) तय कर दी है। विशेष सचिव ओमप्रकाश वर्मा की ओर से इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही इसकी शुरुआत ग्रामीण इलाकों से करने को भी कहा गया है। राशन की दुकानों के संचालन में इलेक्ट्रानिक सिस्टम के बढ़ते प्रयोग के दृष्टिगत नियमों में बदलाव की बात कही जा रही है।
क्यों पड़ी जरूरत
राशन की दुकानें लगभग आनलाइन हो चुकी हैं। खाद्यान्नों का वितरण ई-पॉश मशीन से किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में राशन दुकानदार इसे ठीक से लागू नहीं कर पा रहे हैं। खाद्यान्न नहीं मिल पाने से आए दिन हंगामा होता है। दसवीं पास का मानक जमीन पर निर्धारित होने का सीधा लाभ जनता को मिलेगा। पहले कोटेदार बनने के लिए शिक्षा की अनिवार्यता नहीं थी।
नियम की जद में कोटेदार
राशन की दुकानों के संचालन के लिए शासन ने कोटेदारों को नियमों की जद में भी बांध दिया है। मसलन, राशन की दुकान आवंटन के दौरान अब डीएम की ओर से जारी चरित्र प्रमाणपत्र भी कोटेदार को देना होगा। इसके साथ ही बैंक खाते में 40 हजार रुपये व दस हजार रुपये का किसान विकास पत्र भी दिखाना होगा।
शासन का नया आदेश मिल चुका है
शासन का नया आदेश मिल चुका है। दसवीं पास दुकानदार खाद्यान्न वितरण का काम बेहतर तरीके से कर सकेंगे। जनता को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। जिले में नए मानकों के आधार पर 61 दुकानों के चयन की प्रक्रिया शुरू है। हालांकि, आरक्षण समेत पुरानी आहर्ताएं पहले की तरह लागू रहेंगी।
-देवमणि मिश्र, जिलापूर्ति अधिकारी।