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अब ट्रेनों में नहीं जलेंगे चूल्हे, 2020 से खत्म हो जाएगी पेंट्रीकार में भोजन पकाने की व्यवस्था

ट्रेनों के पेंट्रीकार में भोजन बनाने की परंपरा जल्द खत्म हो जाएगी। यात्रियों की जरूरतें पूरी करने को बड़े जंक्शनों पर बेस किचन बनाए जाएंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 04:02 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 10:09 AM (IST)
अब ट्रेनों में नहीं जलेंगे चूल्हे, 2020 से खत्म हो जाएगी पेंट्रीकार में भोजन पकाने की व्यवस्था
अब ट्रेनों में नहीं जलेंगे चूल्हे, 2020 से खत्म हो जाएगी पेंट्रीकार में भोजन पकाने की व्यवस्था

वाराणसी, जेएनएन। ट्रेनों के पेंट्रीकार में भोजन बनाने की परंपरा जल्द खत्म हो जाएगी। यात्रियों की जरूरतें पूरी करने को बड़े जंक्शनों पर बेस किचन बनाए जाएंगे। कैंट स्टेशन पर तीन हजार वर्गफीट जमीन तलाशी जा रही है। आगामी मार्च 2020 तक  आइआरसीटीसी का बेस किचन जमीन पर उतर आएगा।

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भोजन की गुणवत्ता में सुधार

ट्रेन में उपलब्ध भोजन पर यात्री आए दिन सवाल उठाते रहते हैं। संभवत: इसी के दृष्टिगत बदलाव की ओर कदम बढ़ाया गया है। आइआरसीटीसी के बेस किचन में बना भोजन दुरुस्त होगा।

तीन से पांच हजार पैकेट होंगे तैयार

कैंट स्टेशन पर प्रस्तावित बेस किचन से रोजना तीन से पांच हजार पैकेट भोजन तैयार किए जाएंगे। स्टेशन पर ट्रेन पहुंचने से पूर्व ही पेंट्रीकार संचालक के ऑर्डर मुताबिक भोजन के पैकेट की डिलीवरी होगी।

पेंट्रीकार में सिर्फ गर्म होंगे भोजन

रेलवे बोर्ड के आदेश मुताबिक पेंट्रीकार में सिर्फ भोजन गर्म करने की व्यवस्था होगी। पेंट्रीकार में इंडक्शन चूल्हा रखा जाएगा। बेस किचन बनाने के लिए आइआरसीटीसी को मार्च तक का लक्ष्य दिया गया है।

इस बारे में आइआरसीटीसी एनआर के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने कहा कि कैंट स्टेशन पर बेस किचन बनाने की योजना है। रेल प्रशासन से भूमि की डिमांड की गई है।


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