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सेंट्रल जेल में बंद कैदियों द्वारा तैयार अब आप भी खरीदिए जेल में बने हुए उत्पाद

सेंट्रल जेल में बंद कैदियों द्वारा तैयार आचार मुरब्बा देशी घी बिस्किट ब्रेड फर्नीचर जैसे अन्य उत्पाद अब आप भी खरीद सकते हैं।

By Edited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 01:29 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 10:33 AM (IST)
सेंट्रल जेल में बंद कैदियों द्वारा तैयार अब आप भी खरीदिए जेल में बने हुए उत्पाद
सेंट्रल जेल में बंद कैदियों द्वारा तैयार अब आप भी खरीदिए जेल में बने हुए उत्पाद

वाराणसी, जेएनएन। सेंट्रल जेल में बंद कैदियों द्वारा तैयार आचार, मुरब्बा, देशी घी, बिस्किट, ब्रेड, फर्नीचर जैसे अन्य उत्पाद अब आप भी खरीद सकते हैं। सेंट्रल जेल शिवपुर के बाहर एक स्टोर खोल दिया गया जो प्रदेश में जेल का पहला ऐसा स्टोर है। यही नहीं जेल में लांड्री मशीन स्थापित की गई है जिसमें जल्द ही शहर के होटलों, अस्पताल के कपड़े कैदी धुलेंगे। शनिवार को लखनऊ से आए एडीजी जेल चंद्रप्रकाश की धर्म पत्नी ने जेल गेट के निकट सड़क किनारे स्थापित आउटलेट का फीता काटकर उद्घाटन किया।

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करीब ढाई लाख रुपये में तैयार आउटलेट में सेंट्रल जेल वाराणसी के साथ ही लखनऊ, नैनी, बरेली जेल के कैदियों द्वारा तैयार फर्नीचर, घी, तेल समेत अन्य उत्पादों की बिक्री होगी। इसके बाद जेल के भीतर सिडबी के सहयोग से करीब 10 लाख रुपये में लगी लांड्री मशीन का भी फीता काटकर उदघाटन किया गया। एक कक्ष में लगी स्पिनर, ंवॉशर समेत तीनों यूनिट को लिंक करने के बाद अगले हफ्ते भर में लांड्री चालू हो जाएगी। इसमें बाजार से कम पैसे पर होटलों, निजी अस्पतालों के कपड़े धुले जाएंगे। इसमें 50-60 कैदियों को काम पर लगाया जाएगा जिसके लिए उन्हें पैसे भी मिलेंगे। एडीजी ने जैन समाज के सहयोग से लगा हथकरघा भी देखा जिसमें बनारसी साड़ियां तैयार होंगी। एडीजी ने कहा कि आउटलेट, लांड्री, हथकरघा लगाने के पीछे उद्देश्य कैदियों को स्वावलंबी बनाना है ताकि रिहा होने पर समाज उन्हें स्वीकारने के लिए तैयार रहे।

खाद्य पदार्थ और फर्नीचर तैयार करने के लिए हर तीन महीने में प्रशिक्षक बुलाए जाते हैं। ताकि रिहा हुए कैदियों की जगह नए कैदी काम सीख सकें। कैदी भी इसमें खासी रूचि लेते हुए उम्दा उत्पाद तैयार करते हैं। जेल में दावत पर कहा, होगी सख्ती -एडीजी जेल ने कहा कि जेलों के भीतर दावत और मोबाइल से वीडियो या तस्वीर वायरल होने के मामले बेहद गंभीर हैं। इस लापरवाही पर जेल के बंदी रक्षक से लेकर अफसरों तक पर कार्रवाई की जा रही है। गाजीपुर जेल के मामले की जांच डीआईजी वाराणसी कर रहे हैं। रिपोर्ट का इंतजार है।

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