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वाराणसी में पेयजल और सीवेज का खाका खींचेगी अब प्राइवेट एजेंसी, स्मार्ट सिटी की राह होगी प्रशस्त

सीवेज व पेयजल के विकास के लिए प्रोफेशनल एजेंसी नामित करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। इसके पीछे मंशा यही है कि एजेंसी स्वतंत्र होकर सर्वे कर सही स्थिति का खाका खींचे। सही स्थिति सामने आने के बाद ही समग्र विकास की रूपरेखा तय हो सकेगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 06:10 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 06:10 AM (IST)
वाराणसी में पेयजल और सीवेज का खाका खींचेगी अब प्राइवेट एजेंसी, स्मार्ट सिटी की राह होगी प्रशस्त
शहर में सीवेज व पेयजल से वंचित क्षेत्रों का सर्वे प्रोफेशनल एजेंसी से कराने की तैयारी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शहर में सीवेज व पेयजल से वंचित क्षेत्रों का सर्वे प्रोफेशनल एजेंसी से कराने की तैयारी है। इसके पीछे मुख्य वजह सही स्थिति को सामने लाना है ताकि शहर स्मार्ट बनाने के सभी मानक को पूरा किया जा सके। हाल ही में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति ‘दिशा’ की बैठक की अध्यक्षता करते हुए चंदौली के सांसद व भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने समेकित विकास के लिए प्लान बनाने का निर्देश दिया था।

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जनप्रतिनिधिओं ने इस बैठक में कहा कि था कि काशी में विकास को लेकर बहुत कार्य हुए। बहुत कुछ हो रहा है लेकिन कुछ कार्य ठीक से न होने के कारण किरकिरी होती है। इसमें खासकर सीवेज व पेयजल व्यवस्था है।

इसी क्रम में प्रशासन ने यह पहल की है। जिले के 87 गांव हाल ही में नगर निगम सीमा में शामिल हुए हैं। इन गांवों में बहुत कार्य होने हैं। समग्र प्लानिंग के अभाव में अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। इसी वजह से स्मार्ट सिटी की रैंकिंग भी प्रभावित होने की बात कही जा रही है। शहरी सीमा में शामिल गांवों में मुकम्मल सड़क नहीं है तो वहीं पेयजल का संकट है। कई गांवों में पेयजल पाइप लाइन नहीं है। लगभग एक साल होने जा रहे हैं लेकिन इन गांवों को अब तक शहरी क्षेत्र की कोई सुविधा नहीं मिल सकी। इसके अलावा शहरी क्षेत्र के कई इलाके भी सीवेज से अभी वंचित हैं। पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है।

सीवेज व पेयजल के विकास के लिए प्रोफेशनल एजेंसी नामित करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है

सीवेज व पेयजल के विकास के लिए प्रोफेशनल एजेंसी नामित करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। इसके पीछे मंशा यही है कि एजेंसी स्वतंत्र होकर क्षेत्र का सर्वे कर सही स्थिति का खाका खींचे। सही स्थिति सामने आने के बाद ही समग्र विकास की रूपरेखा तय हो सकेगी।

कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी


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