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रोटी ही ईमान-रोटी ही भगवान, अब श्रमिक चले महानगरों की ओर, ट्रेनों की सीटें फुल

महानगरों से लौटे श्रमिकों ने एक बार फिर से महानगरों की ओर जाने की तैयारी कर ली है। मऊ सूरत जाने वाली ताप्ती गंगा पूरी फुल हो चुकी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 09:39 AM (IST)
रोटी ही ईमान-रोटी ही भगवान, अब श्रमिक चले महानगरों की ओर, ट्रेनों की सीटें फुल
रोटी ही ईमान-रोटी ही भगवान, अब श्रमिक चले महानगरों की ओर, ट्रेनों की सीटें फुल

मऊ सूर्यकांत त्रिपाठी । रोजी-रोटी से बड़ा कुछ भी नहीं। यही ईमान है यही भगवान। कोरोना खौफ पर श्रम विजय का शंखनाद हो चुका है। लॉकडाउान के बीच भले ही शहरों से गांव की ओर पलायन का दौर जारी है पर दूसरी तरफ अपने रोजगार से श्रमिकों का मोहभंग नहीं हुआ। महानगरों से लौटे श्रमिकों ने एक बार फिर से महानगरों की ओर जाने की तैयारी कर ली है। इसका सबसे बड़ा साक्ष्य तीन जून को छपरा से वाया मऊ सूरत जाने वाली (09046-ताप्ती गंगा)  पहली ही ट्रेन है। यह पूरी फुल हो चुकी है। दूसरी ट्रेन पांच जून को जयनगर से अमृतसर जाने वाली सरयू-यमुना एक्सप्रेस (श्रामिक स्पेशल नया नाम) में 19 जून तक वेटिंग है। जानकार इसे कोरोना के खौफ पर श्रमिकों का बड़ा तमाचा मान रहे हैं। वहीं यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि 'कोरोना की अइसी की तइसी।

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भारतीय रेलवे के शीर्ष प्रबंधन की ओर से हाल ही में 100 जोड़ी ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया गया है। इसमें मऊ जंक्शन से होकर गुजरने वाली सिर्फ तीन जोड़ी ट्रेनें ही शामिल हैं। इस रूट से होकर पहली ट्रेन तीन जून को गुजर रही है। कोरोना के संक्रमण के बीच पहले तो सबने यही सोचा कि पूर्वांचल के जो श्रमिक मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद से पैदल चलकर आए हैं वह वापस नहीं जाएंगे, लेकिन ट्रेनों के लिए बिक रहे आरक्षित टिकट के आंकड़ें कुछ अलग ही कहानी कह रहे हैं। बात इन दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की ही नहीं है, बल्कि वाराणसी से मुंबई जाने वाली महानगरी एक्सप्रेस एवं गोरखपुर से हिसार हरियाणा जा रही पहली, दूसरी सभी ट्रेनें भी फुल हैं। रेलवे प्रशासन के लोग भी टिकटों की बिक्री का यह आंकड़ा देख हैरान हैं।

पूर्वांचल से महानगरों की ओर जाने वाली लगभग हर ट्रेन की स्थिति फुल

एक-दो दिन तो काउंटर खाली-खाली ही चला लेकिन जल्द ही सीटों के भरने की रफ्तार बढ़ गई। ताजा स्थिति की बात करें तो पूर्वांचल से महानगरों की ओर जाने वाली लगभग हर ट्रेन की स्थिति फुल और वेटिंग होने की ओर है। 

-नूर आलम, मुख्य आरक्षण अधीक्षक।


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