काशी विद्यापीठ में अब हर साल होगी शोध प्रवेश परीक्षा, मांगा रिक्त सीटों का ब्यौरा
वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ अब हर साल शोध प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसमें वाराणसी सहित जनपद के संबद्ध राजकीय व अनुदानित कालेजों रिक्त सीटों का ब्यौरा मांगा है ।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ अब हर साल शोध प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इस क्रम में वाराणसी, चंदौली, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र जनपद के संबद्ध राजकीय व अनुदानित कालेजों रिक्त सीटों का ब्यौरा मांगा है ताकि प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जा सके। इससे पहले विद्यापीठ ने शोध प्रवेश परीक्षा वर्ष 2016 में कराई थी। संबद्ध कालेजों से प्रवेश परीक्षा के आधार पर को चयनित अभ्यर्थियों का शोध में पंजीकरण करने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद अब तक कई महाविद्यालयों ने चयनित अभ्यर्थियों का पंजीकरण नहीं किया है। परीक्षा में सफल होने के दो वर्ष बाद भी करीब 50 अभ्यर्थी अब भी शोध में पंजीकरण के लिए संबद्ध कालेजों में दौड़ लगा रहे है।
वहीं संबद्ध कालेज सीट रिक्त न होने का हवाला देते हुए अभ्यर्थियों का शोध में पंजीकरण करने में हीलाहवाली कर रहे हैं। इसे लेकर छात्रों में रोष है। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि इस बार रिक्त सीटों के सापेक्ष ही प्रवेश परीक्षा कराई जाएंगी ताकि परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का शोध में पंजीकरण हो सके। इस क्रम में संबद्ध कालेजों से 15 फरवरी तक साफ्ट कापी में रिक्त सीटों का विवरण मांगा गया है।
यूजीसी के मानक के अनुसार एक अध्यापक के के निर्देशन में अधिकतम शोधार्थियों की संख्या इस प्रकार निर्धारित है।
प्रोफेसर के निर्देशन में 08
एसोसिएट प्रोफेसर 06
असिस्टेंट प्रोफेसर 04