सिस्टम फार्मेट होने के बाद भी गोपनीय डाटा, फोटो को री-कवर किया जा सकता है, बरतें यह सावधानी
सिस्टम फार्मेट होने के बाद भी आपके गोपनीय डाटा फोटो आदि को री-कवर किया जा सकता है।
वाराणसी, जेएनएन। आजकल ऑनलाइन लोग अपना कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन बेच देते हैं। इसमें उन्हें सुविधा होती है कि बस साइट पर बेचने वाले सामान की जानकारी व फोटो डाली और खरीदार आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि बेचने से पहले लोग अपना मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटाप फार्मेट भी कर देते हैं। मगर, मामूली तकनीकी चूक मुसीबत बन सकती है जिसके बारे में जानना आपके लिए जरूरी है। जी हां, सिस्टम फार्मेट होने के बाद भी आपके गोपनीय डाटा, फोटो आदि को री-कवर किया जा सकता है।
ऐसी स्थिति में बेचे गए उपकरण के दुरुपयोग की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऐसी दशा में आप मुसीबत के शिकार हो जाएं तो आश्चर्य नहीं। न दें अनजान हाथों में अक्सर लोग अपना फोन या मेमारी कार्ड गाना, वीडियो, ¨रगटोन, वालपेपर आदि कॉपी कराने के लिए भी अनजान हाथों में दे देते हैं। ऐसी गलती न करें। आजकल कतिपय लोग दूसरों के डाटा को री-कवर कर गलत उपयोग कर रहे हैं। दरअसल कुछ रिकवरी साफ्टवेयर हैं जिनकी मदद से डिलीट डाटा फिर री-कवर किया जा सकता है। कई ऑप्शन उपलब्ध यह जानना जरूरी है कि डिलीट फाइल आपके कंप्यूटर हार्ड ड्राइव में ही होती है। ऐसा नहीं होता कि वह पूरी तरह मिट जाए जबकि इसे री-साइकल बिन से भी डिलीट किया जा चुका हुआ होता है। वर्तमान में डिलीट फाइलों की रिकवरी रोकने के लिए कई आप्शन हैं। स्टोरेज डिवाइस यह अधिकतर दो प्रकार का हेाता है। एनटीएफएस यानी न्यू टेक्नोलॉजी फाइल सिस्टम' और फैट फाइल एलोकेशन टेबल।
इन दोनों में ही फाइल सेविंग की प्रक्रिया अलग-अलग होती है। न्यू टेक्नोलॉजी फाइल सिस्टम विंडो और अन्य आपरेटिंग सिस्टम में फाइल कहां रखी है यह जानने के लिए कंप्यूटर सिस्टम प्वाइंटर का प्रयोग करता है। इसमें प्रत्येक फाइल और फोल्डर का प्वांइटर होता है। प्वाइंटर एक तरह से सूचित करता है कि फाइल कहां, कितने केबी, एमबी या जीबी का है। कोई फाइल जब डिलीट की जाती है तो कंप्यूटर सिस्टम सिर्फ उस प्वाइंटर को ही मिटाता है न कि डाटा को। यह जानना जरूरी है कि जब तक कंप्यूटर सिस्टम डिलीट की गई जगह को भर नहीं देता डिलीट की गई फाइल को री-कवर किया जा सकता है। यही वजह है कि हार्ड ड्राइव से फाइल री-कवर हो जाती है। फाइल एलोकेशन टेबल ज्यादातर फैट सिस्टम मेमोरी कार्ड, पेनड्राइव, डिजिटल कै मरा, फ्लैश ड्राइव, स्मार्ट मीडिया कार्ड और स्टेट सालिड डिवाइस में इस्तेमाल होता है। इसमें सेव डाटा सेव का एक टेबल बन जाता है। इसमें सेव डाटा की पूरी जानकारी होती है। डाटा डिलीट करने पर सिर्फ टेबल खत्म होता है जबकि डाटा जस का तस रहता है। इसे री-कवर करना आसान होता है।
-कई साफ्टवेयर ऐसे हैं जिन्हें इंस्टाल करने के बाद हार्ड ड्राइव को पूरी तरह खाली किया जा सकता है। इसके लिए सीसी क्लीनर, वाइप फाइल, हार्ड वाइप, साइबर श्रेडर, इरेजर, फाइल श्रेडर, फ्री वाइप विजार्ड जैसे साफ्टवेयर इंस्टाल कर सकते है। इनका प्रयोग सरल होता है। इसमें डाटा को साफ्टवेयर के जरिए डिलीट करना होता है। साफ्टवेयर के वेबसाइट पर इंस्टाल और फाइल डिलीट की विस्तृत प्रक्रिया दी गई है। ये सारे साफ्टवेयर लगभग हर ऑपरेटिंग सिस्टम पर इंस्टाल किए जा सकते हैं। -आसिफ अब्बास, आइटी एक्सपर्ट।