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अब सभी विश्वविद्यालयों में Common Syllabus, शासन के निर्देश पर औपचारिकता पूरी करने में जुटा काशी विद्यापीठ

नए सत्र से राज्य विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर कॉमन सिलेबस पढ़ाया जाएगा। शासन के निर्देश पर काशी विद्यापीठ प्रशासन औपचारिकता पूरी करने में जुटा हुआ है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 08:20 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 01:27 PM (IST)
अब सभी विश्वविद्यालयों में Common Syllabus, शासन के निर्देश पर औपचारिकता पूरी करने में जुटा काशी विद्यापीठ
अब सभी विश्वविद्यालयों में Common Syllabus, शासन के निर्देश पर औपचारिकता पूरी करने में जुटा काशी विद्यापीठ

वाराणसी, जेएनएन। नए सत्र से राज्य विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर कॉमन सिलेबस पढ़ाया जाएगा। शासन के निर्देश पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन औपचारिकता पूरी करने में जुटा हुआ है। इस क्रम में हेड व डीन से सुझाव मांगे गए हैं। इसके अलावा विभागों से बोर्ड ऑफ स्टडीज से अनुमोदिन पाठ्यक्रम मांगा गया है ताकि इसे विद्यापरिषद व कार्यपरिषद से अनुमोदित कराने के बाद इसे लागू कराया जा सके।

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विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम वर्ष 2017 से चल रही थी। इसके लिए तत्कालीन कुलाधिपति ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (झांसी) के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित किए थे। प्रो. दुबे वर्तमान में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। कमेटी की संस्तुतियों को लागू करने के लिए उच्च शिक्षा के विशेष सचिव मनोज कुमार ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र भेजा है। इसमें सभी विश्वविद्यालयों में अनिवार्य रूप से 70 फीसद पाठ्यक्रम लागू करने का निर्देश दिया गया है।

वहीं, 30 फीसद पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अपने स्तर पर संशोधित कर सकती है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि कॉमन सिलेबस से सुझाव मांगा गया है। आवश्कतानुसार वह पाठ्यक्रमों में 30 फीसद संशोधन भी कर सकते हैं। सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद सत्र 2020-21 से ही इसे लागू कराया जाएगा।

विद्यापीठ ने तैयार किए थे चार पाठ्यक्रम

कमेटी में काशी विद्यापीठ को चार पाठ्यक्रम बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। समाज कार्य, समाजशास्त्र, कामर्स व फिजिकल एजुकेशन। कुलसचिव ने बताया कि यह चारों पाठ्यक्रमों में कोई संशोधन नहीं किया जाएगा। इसे यथावत लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य पाठ्यक्रमों में आंशिक संशोधन किया जा सकता है। फिलहाल यह बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्यों के विवेक पर छोड़ दिया गया है।

लिखित परीक्षा पर 80 फीसदी अंक

स्नातक कोर्स के नये प्रारूप के अनुसार हर विषय में लिखित परीक्षा अब 80 फीसदी अंकों की होगी। 20 फीसदी अंक आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित होंगे। इसी प्रारूप के अनुसार सभी विषयों का कोर्स तैयार किया गया है।

हर विषय के कोर्स में चार यूनिट

हर विषय में चार यूनिट बनाए गए हैं। हर यूनिट पढऩा अनिवार्य होगा। कोशिश की गई है कि पढऩे वाले विद्यार्थी को विषय का पूरा ज्ञान हो जाए। अब पहले जैसे केवल कुछ पाठ पढऩे से काम चलने वाला नहीं है।

अब स्थानांतरण संभव

समान पाठ्यक्रम लागू किए जाने के बाद राज्य विवि के विद्यार्थी यदि स्नातक भाग एक के बाद विषम परिस्थितियों में दूसरे विवि में स्थानांतरित होना चाहते हैं तो इसमें आसानी होगी।


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