Kashi mahakal Express ट्रेन में मौजूद दुकान से खरीदें बनारसी साड़ी, कुर्ता और पायजामा
कॉरपोरेट ट्रेन काशी-महाकाल हमसफर एक्सप्रेस में एक नया प्रयोग हुआ है।
वाराणसी, जेएनएन। कॉरपोरेट ट्रेन काशी-महाकाल हमसफर एक्सप्रेस में एक नया प्रयोग हुआ है। ट्रेन में बनारसी साड़ी के अलावा कुर्ता-पायजामा आदि की बिक्री की जा रही है। रामनगर के एक कारोबारी ने आइआरसीटीसी से अनुबंध कर स्टॉल लगाया है। पहले व्यावसायिक सफर में जब काशी महाकाल एक्सप्रेस कैंट स्टेशन से रवाना हुई तो यह स्टॉल कोच बी-5 के 65, 66, 67 बर्थ संख्या पर लगाया गया था लेकिन रास्ते में उसे निर्धारित स्थान पेंट्रीकार में विस्थापित कर दिया गया। यह स्टॉल अंगिका हथकरघा विकास उद्योग सहकारी समिति लिमिटेड गोलाघाट रामनगर की ओर से लगा है।
संस्था के चेयरमैन अमरेश कुशवाहा ने बताया कि बनारसी हैंडलूम से जुड़े कपड़े स्टॉल पर रखे गए हैं। इसके पीछे की मंशा है कि बनारसी बुनकारी का देश-विदेश में प्रचार हो सके। बताया कि कुर्ता पायजामा, सिल्क के दुपट्टे, साड़ियां, सिल्क की शॉल, चादर आदि कपड़े स्टॉल पर बेचे जा रहे हैं। बताया कि स्टॉल पर रखे कपड़ों को पांच सौ बुनकरों ने बनाया है। इसके अलावा 100 हथकरघे भी संस्था से जुड़े हैं जिनके माध्यम से 250 बुनकरों को रोजगार मिला है। ट्रेन में सोने व चांदी की जरी वाली साड़ियां भी उपलब्ध हैं। स्टॉल पर विवेक कुमार व जगदीश कुमार मौजूद हैं।
- जख्मी यात्री का हुआ इलाज काशी-महाकाल एक्सप्रेस में सिगरा निवासी अशोक गोगई भी सवार थे। उन्होंने बी-2 के बर्थ-8 को आरक्षित कराया था। उनके हाथ में चोट लगी थी। बताया कि सुबह मार्निग वॉक के लिए स्टेडियम गए थे जहां गिर गए थे। ट्रेन में सवार होने के दौरान दर्द कम था लेकिन लखनऊ पहुंचने से पहले ही हाथ सूज गया और तेज दर्द होने लगा। इस पर उन्होंने ट्रेन के कर्मियों को जानकारी दी। साथ ही रेल मंत्रालय को भी ट्वीट किया। इसके बाद लखनऊ स्टेशन पर उनका प्राथमिक उपचार किया गया।