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Gulf Countries में जाएगा पूर्वांचल का केला, पहली खेप में बलिया और गोरखपुर की फसल का किया जाएगा निर्यात

पूर्वांचल में उत्पादित होने वाला केला अब खाड़ी देशों में बेचा जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरु हो गई है। पहली खेप में बलिया और गोरखपुर में उत्पादित फसल का निर्यात किया जाना है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 01:29 PM (IST)
Gulf Countries में जाएगा पूर्वांचल का केला, पहली खेप में बलिया और गोरखपुर की फसल का किया जाएगा निर्यात
Gulf Countries में जाएगा पूर्वांचल का केला, पहली खेप में बलिया और गोरखपुर की फसल का किया जाएगा निर्यात

वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]। पूर्वांचल में उत्पादित होने वाला केला अब खाड़ी देशों में बेचा जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरु हो गई है। पहली खेप में बलिया और गोरखपुर में उत्पादित फसल का निर्यात किया जाना है। जिसके लिए दिल्ली में मंथन हो रहा है। एपिडा के सहायक महाप्रबंधक सीबी सिंह ने बताया कि पहली खेप का निर्यात सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक होने की उम्मीद है। जिसके लिए हम बलिया और गोरखपुर के किसानों के संपर्क में हैं। फिलहाल इसकी कागजी कार्यवाही दिल्ली में जारी है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व अभी हाल ही में बनारसी लगड़ा आम और हरी मिर्च भी विदेशों में भेजा गया है। बताया कि पूर्वांचल से पहली बार केले का निर्यात शुरु हो रहा है। इसके बाद इसे यूरोपियन देशों के मानक के अनुरूप तैयार कराकर वहां भी भेजा जाएगा।

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केले की खेती के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

केले की खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता ने बताया कि बनारस के पांच ब्लाक बड़ागांव, सेवापुरी, चिरईगांव, पिंडरा, आराजीलाइन में बड़े पैमाने पर केले की खेती हो रही है। पिछले वर्ष जहां खेती का दायरा 50 हेक्टेयर था वहीं इस वर्ष यह बढ़कर 62 हेक्टेयर तक हो गया है। किसान भी इसमें रूचि दिखा रहे हैं। पांचों ब्लाकों के करीब 100 से अधिक किसान हमारे संपर्क में हैं। जिन्हें हम समय-समय पर अधिक गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए कृषि विशेषज्ञों के निर्देशानुसार कम मात्रा में खाद और रासायनिक दवाओं के प्रयोग की सलाह देते रहते हैं। हमारा उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान जैविक खेती कर फसल तैयार करें।

अन्य जिलों में भी होगा प्रचार प्रसार

पहली खेप के निर्यात के बाद पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। कोशिश होगी कि गाजीपुर, इलाहाबाद, कौशांबी के अलावा केले का उत्पादन सोनभद्र, भदोही और मीरजापुर में भी फसल तैयार कराई जा सके।

मिशन बागवानी से जुड़ रहे किसान

जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि मिशन बागवानी से अधिक से अधिक किसान जुड़ रहे हैं। वह योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर अपने उत्पादन को बढ़ाने में जुटे हैं। वर्तमान समय में हम जी-9 प्रजाति के केले के उत्पादन पर जोर दे रहे हैं।

खाड़ी देशों में केले के निर्यात की तैयारी जोरों पर चल रही है

खाड़ी देशों में केले के निर्यात की तैयारी जोरों पर चल रही है। इसके लिए दिल्ली में कागजी कार्यवाही हो रही है। पहली खेप में बलिया और गोरखपुर की फसल का निर्यात होना है। जिसके लिए हम किसानों के संपर्क में हैं।

- शुभम राय, सलाहकार एपिडा।


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