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जौनपुर में फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान के लिए बालीवुड अभिनेता आमिर खान समेत चार को नोटिस जारी

फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान में जाति विशेष को अपमानित कर मानहानि करने व भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में वादी हंसराज चौधरी द्वारा दाखिल पुनरीक्षण याचिका को जिला जज मदन पाल सिंह ने स्वीकृत कर लिया है। इस दौरान आमिर खान समेत चार के विरुद्ध नोटिस जारी की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:02 PM (IST)
जौनपुर में फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान के लिए बालीवुड अभिनेता आमिर खान समेत चार को नोटिस जारी
जौनपुर में फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान के लिए बालीवुड अभिनेता आमिर खान समेत चार को नोटिस जारी

जौनपुर, जेएनएन। फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान में जाति विशेष को अपमानित कर मानहानि करने व भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में वादी हंसराज चौधरी द्वारा दाखिल पुनरीक्षण याचिका को जिला जज मदन पाल सिंह ने स्वीकृत कर लिया है। इस दौरान आमिर खान समेत चार के विरुद्ध नोटिस जारी की है। विपक्षी को अपना पक्ष रखने के लिए आठ अप्रैल तिथि नियत की गई है।

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हंसराज चौधरी निवासी हरईपुर लाइन बाजार ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा, निर्देशक विजय कृष्णा, अभिनेता आमिर खान के खिलाफ परिवाद दायर किया था कि फिल्म के ट्रेलर में मल्लाह जाति को फिरंगी मल्लाह शब्द से संबोधित कर अपमानित किया गया। जिसे वादी के अलावा प्रदीप निषाद, बृजेश निषाद, संजीव नागर, मनोज नागर आदि ने 30 अक्टूबर 2018 को सोशल मीडिया पर देखा, जिससे वादी व गवाहों की भावनाएं आहत हुईं। आजादी के पूर्व आजादी के दीवानों को आतंकवादी, ठग आदि कहते थे। फिल्म की टीआरपी बढ़ाने मुनाफा कमाने के लिए दुर्भावना पूर्ण तरीके से फिल्म का ऐसा नाम रखा गया। निषाद समाज को ठग व फिरंगी की संज्ञा दी गई। आमिर खान को फिल्म में फिरंगी मल्लाह से संबोधित किया गया। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने परिवाद अस्वीकृत कर दिया कि फिल्म की घटनाएं एवं पात्र काल्पनिक होने का फिल्म के प्रारंभ में ही जिक्र होता है।

कोई कहानी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि मनोरंजन के लिए बनाई जाती है। जिला जज के न्यायालय में मंगलवार को पुनरीक्षण याचिका में अधिवक्ता ने बहस की। गवाहों के शपथ पत्र युक्त बयान दर्ज हुए थे। तलबी के स्तर पर प्रथमदृष्टया ही साक्ष्य का निर्धारण किया जाता है।परिवाद अस्वीकृत करने के लिए कोई विशेष वजह व संपूर्ण साक्ष्य का अभाव अवश्य होना चाहिए, क्योंकि तलबी के स्तर पर साक्ष्य का मेटिकुलस एग्जामिनेशन नहीं हो सकता है। मजिस्ट्रेट का आदेश अविधिक बताया। जिला जज ने बहस सुनने के बाद पुनरीक्षण याचिका को स्वीकृत कर विपक्षी गण को नोटिस जारी किया। मामले में राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है।


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