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वाराणसी में कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति, छह माह में एक भी नशे में वाहन चलाते नहीं मिला

वाराणसी में करीब छह माह में पुलिस को शराब के नशे में वाहन चलाते हुए कोई भी चालक नहीं मिला है। पुलिस शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कितनी सख्त यह आंकड़ों से पता चलता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 09:43 AM (IST)
वाराणसी में कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति, छह माह में एक भी नशे में वाहन चलाते नहीं मिला
वाराणसी में कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति, छह माह में एक भी नशे में वाहन चलाते नहीं मिला

वाराणसी, जेएनएन। शराब पीकर या फिर मादक पदार्थों का सेवन करने के बाद वाहन चलाना कानून अपराध है। नशे में वाहन दौड़ाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं, इसके बाद भी कोई असर नजर नहीं आ रहा। करीब छह माह में पुलिस को शराब के नशे में वाहन चलाते हुए कोई भी चालक नहीं मिला है।पिं आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कितनी सख्त है। हालांकि इस साल अब तक दो लाख से अधिक वाहनों के चालान तो किए गए, पर इनमें हेलमेट न लगाने पर ही एक लाख 65 हजार से अधिक लोगों पर कार्रवाई हुई है।

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कोरोना वायरस का संक्रमण बढऩे के बावजूद सड़कों पर भीड़ बढ़ रही है। इस पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। वाहनों को चेक किया जा रहा है। नियमों की अनदेखी करने वालों के चालान काटे जा रहे हैं। वाहनों के कागजात न होने पर सीज कर रहे हैं। जनवरी से लेकर 15 जून तक दो लाख दो हजार अस्सी वाहनों के चालान किए गए हैं। इनमें हेलमेट न पहनने के अलावा अन्य तरीके से नियमों के उल्लंघन पर चालान काटे गए। जिले में सीटबेल्ट न लगाने पर 1239 गाडिय़ों के चालान हुए तो हेलमेट न लगाने पर 165115 लोगों पर कार्रवाई हुई. इसके अलावा ओवरस्पीड गाड़ी चलाने पर 174 और रेड लाइट जंपिंग में 935 चालान किए गए।  यही नहीं मोबाइल फोन व ईयरफोन लगाकर वाहन चलाने वाले 1557 लोगों पर तो अन्य यातायात उल्लंघन में 33160 पर कार्रवाई की गई।

मेडिकल जांच से होती पुष्टि

वाहन चलाते समय चालक शराब या फिर किसी अन्य मादक पदार्थ के नशे में है। इसकी पुष्टि पुलिस मेडिकल जांच के माध्यम से कराती है। चालक को पकडऩे के साथ ही यह कार्रवाई भी यातायात पुलिस को ही करनी होती है, इसके बाद लाइसेंस निरस्त करने के लिए अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को पत्र लिखा जाता है। इस पर रोक लगाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यातायात पुलिस की है।

आर्थिक दंड के साथ सजा का प्रावधान

शराब के नशे में वाहन चलाते पकड़े जाने पर दस हजार रुपए का जुर्माना और छह माह के लिए लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। पूरी सख्ती के साथ यातायात पुलिस सडक़ पर उतर जाए तो एक दिन में पचास से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्ती करने के लिए अभियान चलाया जाएगा

शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्ती करते हुए रात में समय समय पर अभियान चलाया जाता है। रात में शराब पीकर वाहन चलाने पर दुर्घटना होने की ज्यादा संभावना रहती है।  शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्ती करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

-एसपी ट्रैफिक श्रवण कुमार सिंह।


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