खेल के लिए एक दिन भी अभ्यास छोडऩे का मतलब है कि आप दो दिन पीछे हो जाते हैं : नीलू मिश्रा
नीलू मिश्रा दो से सात दिसंबर से मलेशिया में होने वाली एशियन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए तैयारी कर रही हैं।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस के मशहूर त्योहार देव दीवाली पर एक अोर दुनिया भर से लाखों लोग आते हैं, वहीं सुबह लोग गंगा नदी में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर स्नान करते हैं। इस दौरान एक 47 वर्षीय महिला इन सबसे अलग दोपहर में डा. संपूर्णानंद स्पोट़र्स स्टेडियम में पसीना बहा रही थी। यह महिला और कोई नहीं बल्कि 72 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुकी नीलू मिश्रा हैं। वह दो से सात दिसंबर से मलेशिया में होने वाली एशियन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए तैयारी कर रही हैं। उनका कहना है मेरे लिए वह क्षण सबसे गौरवपूर्ण होता है जब मैं देश के लिए पदक जीतती हूं और उस समय भारतीय राष्ट्रगान बजता है।
मलेशिया जाने में मात्र 15 दिन बचे हैं ऐसे में मेरे लिए अभ्यास करना सबसे जरूरी है, आखिर मलेशिया में भी भारत का नाम रोशन करना है। 22 वर्षीय पुत्र की मां और एथलीट का कहना है कि एक दिन अभ्यास छोडऩे का मतलब है कि आप दो दिन पीछे हो जाते हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में एक -एक सेकेंड का महत्व होता है। मैं 100 और 200 मीटर दौड़ के अलावा 80 मीटर दौड़ और लंबी कूद में भारत का प्रतिनिधित्व करूंगी। इस चैंपियनशिप में मैं 75 पदक पूरा करना चाहती हूं।
नीलू मिश्रा ने बताया कि मैंने वर्ष 2009 में फिनलैंड में आयोजित वल्र्ड मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में भारत के लिए ऊंची कूद में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद से मैंने पदकों की संख्या 72 तक पहुंची थी। वर्ष 2019 में यह आखिरी अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप हैं और इसमें मैं अपने पदकों की संख्या 75 करना चाहती हूं। मेरा सभी से यही कहना है कि उम्र केवल नंबर गेम है।