विंध्यधाम में बुलबुलों ने दंगल में ठोंकी ताल और कर दिया विरोधी बुलबुल को चित
विन्ध्याचल धाम में अति प्राचीन बुलबुल प्रतियोगिता का आयोजन गुरुवार की दोपहर खत्री धर्मशाला में दोपहर 12:00 बजे से किया गया, जिसका परिणाम गुरुवार देर रात आया।
मीरजापुर, जेएनएन। विन्ध्याचल धाम में अति प्राचीन बुलबुल प्रतियोगिता का आयोजन गुरुवार की दोपहर खत्री धर्मशाला में दोपहर 12:00 बजे से किया गया। जिसका परिणाम गुरुवार की देर रात आठ बजे आया। फाइनल प्रतियोगिता में टीम को विजय घोषित किया गया। अति प्राचीन बुलबुल प्रतियोगिता मकर संक्रांति के पूर्व किया जाता है इस प्रतियोगिता में कुल 98 टीम ने भाग लिया।
प्रत्येक टीम में 44 बुलबुल प्रतियोगिता में शामिल हुए और अंत में गुरुवार की रात 8:00 बजे अनमोल क्लब प्रथम, मोनी पान्डे क्लब द्वितीय स्थान अौर गंगा क्लब को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इस प्रतियोगिता में रेफरी की भूमिका में धीरज मिश्रा राजू पाठक एवं अजय त्रिपाठी ने निभाया। इस दंगल प्रतियोगिता में विंध्य धाम के आसपास के बड़ी संख्या में बुलबुल प्रेमी सुबह से लेकर देर सायं काल तक दंगल प्रतियोगिता में डटे रहे।
बुलबुलों की इस पारंपरिक जंग के लिए बुलबुल लडाने वाले महीनों से तैयारी में जुट जाते हैं। इसके लिए बुलबुलों के भोजन को लेकर भी विशेष तैयारी की जाती है। वहीं वर्ष भर बुलबुल प्रेमियों को भी इस अनोखे दंगल का इंतजार रहता है। गुरुवार को इसी कड़ी में बुलबुल पालने वालों ने अनोखे अखाडे़ में बुलबुलों को उतारा तो दंगल में हटटे कटटे बुलबुलों ने भी ताल ठोंककर विरोधी को चुनौती दी और चित किया। अब अगले वर्ष भी इसी समय इन बुलबुलों को मैदान में उतारा जाएगा। हालांकि कई बुलबुल पालने वाले दंगल के आयोजन के बाद इनको आजाद कर देते हैं। मगर फिर भी कई पर्यावरण प्रेमी एेसे आयाेजनों का विरोध भी करते हैं। हालांकि ग्रामीण परिवेश में इस परंपरा का आज भी निर्वहन हो रहा है।