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समझें वरुणा व असि नदियों का दर्द वरना जुर्माना, एनजीटी की कार्रवाई बनी है नजीर

वरुणा व असि नदी को लेकर जिम्मेदार विभागों की उदासीनता उन पर भारी पड़ सकती है, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन नहीं हुआ उन पर जुर्माना भी ठोका जा सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 10:42 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 10:45 AM (IST)
समझें वरुणा व असि नदियों का दर्द वरना जुर्माना, एनजीटी की कार्रवाई बनी है नजीर
समझें वरुणा व असि नदियों का दर्द वरना जुर्माना, एनजीटी की कार्रवाई बनी है नजीर

वाराणसी, जेएनएन । वरुणा व असि नदी को लेकर जिम्मेदार विभागों की उदासीनता उन पर भारी पड़ सकती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों का पालन नहीं हुआ उन पर जुर्माना भी ठोका जा सकता है। पहले भी नदियों में प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने सख्त कार्रवाई कर नजीर पेश किया है। बीते वर्ष गोरखपुर नगर निगम पर पांच लाख का जुर्माना ठोका है।

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गंगा सहित वरुणा व असि नदी में बहते मलजल व किनारे की हरित पट्टी को लेकर एनजीटी का रुख सख्त है। जिला प्रशासन के माध्यम से संबंधित विभागों के जिम्मेदार अफसरों को साफ संकेत दिए हैं कि नदियों को प्रदूषण से मुक्त करें। इसके लिए एक माह की मोहलत देते हुए कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है जिसमें कार्रवाई की हर रिपोर्ट एनजीटी मुख्यालय प्रेषित करने का आदेश भी जोड़ा है। टीम के जाने के बाद से अभी तक दोनों नदियों को लेकर संबंधित विभागों में कोई हलचल नहीं हुई है। बीते वर्ष एनजीटी दिल्ली ने आमी बचाओ मंच की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार पर एक लाख व नगर निगम गोरखपुर पर पांच लाख रुपये जुर्माना ठोका है। साथ ही प्रदूषण के मसले पर गंभीरता न दिखाने पर प्रदेश सरकार को फटकार भी लगाई है। गोरखपुर की आमी, राप्ती, रोहिन नदी एवं रामगढ़ ताल के प्रदूषण को लेकर 'आमी बचाओ मंच' के अध्यक्ष विश्व विजय और मीरा शुक्ला की ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) दिल्ली में याचिका दायर की गई थी।

बजबजा रही नदियां, तेज दुर्गंध : बनारस में गंगा की सहायक नदियां वरुणा व असि का हाल यह है कि उसमें गंदगी बजबजा रही हैं। घरों का गंदा पानी बह रहा है। किनारे पहुंचने पर तेज दुर्गंध उठ रही है जिस कारण दो पल गुजारना मुश्किल है। पुराने पुल के पास वरुणा में लाल पानी बह रहा था। संकट मोचन क्षेत्र में नदी के पेटा में मकान बन गए हैं। नदियों की दुर्दशा देख एनजीटी टीम बेहद नाराज हुई थी। उन्होंने हालात सुधारने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।   


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