Kashi vidyapith और संस्कृत विवि सहित कालेजों में अब नए साल से चलेंगी नए सत्र की कक्षाएं
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय सहित महाविद्यालयों में अब तक दाखिला पूरा नहीं हो सकाा है। हालांकि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में दाखिला अब अंतिम चरण है। स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लगभग पूर्ण हो चुका है।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय सहित महाविद्यालयों में अब तक दाखिला पूरा नहीं हो सकाा है। हालांकि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में दाखिला अब अंतिम चरण है। स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लगभग पूर्ण हो चुका है। ऐसे में नए सत्र की कक्षाएं अब नए साल से शुरू होंगी।
काशी विद्यापीठ में यूजी-पीजी के लगभग सभी पाठ्यक्रमों की मेरिट सूची जारी की जा चुकी है। चयनित अभ्यर्थियों को शुल्क जमा करने के लिए तीन दिनों का मौका दिया गया है। वहीं शुल्क न जमा करने के कारण रिक्त सीटों पर मेरिट से दूसरे अभ्यर्थियों का मौका दिया जा रहा है। एेसे में दाखिला के क्रम जनवरी के प्रथम सप्ताह तक पूरा होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम खंड की कक्षाएं जनवरी-2021 के प्रथम सप्ताह से शुरू करने की योजना है। इसके लिए विभागाें से टाइम टेबल बनाने का निर्देश दिया जा चुका है।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में छूटे हुए अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग 29 व 30 दिसंबर को होनी है। अंतिम चरण की काउंसिलिंग में विभिन्न विभागों में करीब 50 अभ्यर्थियों का दाखिला और होना है। कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने बताया कि शास्त्री-आचार्य प्रथम खंड को छोड़कर अन्य खंडों की कक्षाएं नवंबर से ही चल रहीं हैं। वहीं प्रथम खंड की कक्षाएं जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह से शुरू करने के लिए विभागों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
यूपी कालेज व हरिश्चंद्र कालेज : यूपी कालेज में स्नातक व स्नातकोत्तर के सभी खंडों का दाखिला पूरा हो चुका है। जबकि हरिश्चंद्र पीजी कालेज में दाखिला अब भी चल रहा है। हरिश्चंद्र कालेज में भी यूजी-पीजी के प्रथम खंड की कक्षाएं जनवरी 2021 के द्वितीय सप्ताह से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। जनपद के अन्य महाविद्यालयों ने भी नए साल से नए सत्र की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। ऐसे में नए साल से विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पठन-पाठन में जोर पकड़ने की पूरी उम्मीद है।