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भूकंप के बड़े झटके भी झेल सकेगा घाघरा नदी पर बलिया में बन रहा नया रेल पुल

वाराणसी रेल मंडल के भटनी-औड़िहार रेलखंड पर तुर्तीपार बलिया में घाघरा नदी पर बना रहा नया रेलवे पुल सन 2024 तक बनकर तैयार हो जायेगा। नया रेल पुल तकनीकी रुप से इतना मजबूत होगा कि 7.5 रिएक्टर स्केल क्षमता के भूकंप को भी झेल सकेगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 01:21 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 01:21 PM (IST)
भूकंप के बड़े झटके भी झेल सकेगा घाघरा नदी पर बलिया में बन रहा नया रेल पुल
तुर्तीपार बलिया में घाघरा नदी पर बना रहा नया रेलवे पुल सन 2024 तक बनकर तैयार हो जायेगा।

बलिया, विजय मद्धेसिया। वाराणसी रेल मंडल के भटनी-औड़िहार रेलखंड पर तुर्तीपार बलिया में घाघरा नदी पर बना रहा नया रेलवे पुल सन 2024 तक बनकर तैयार हो जायेगा। नया रेल पुल तकनीकी रुप से इतना मजबूत होगा कि 7.5 रिएक्टर स्केल क्षमता के भूकंप को भी झेल सकेगा। घाघरा नदी पर रेल पुल से होते हुए बिल्थरारोड (बलिया) मऊ व देवरिया, गोरखपुर को जोड़ने वाला यहां पहले से अंग्रेजों के जमाने में बना सिंगल रेल लाइन का पुराना पुल काफी जर्जर हो चुका है और हर वर्ष इसकी जांच की जाती है। इस रेल पुल के ही समानांतर घाघरा नदी पर एक नया रेल पुल का निर्माण हो रहा है।

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रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा बनवाएं जा रहे इस रेल पुल का निर्माण देश की चर्चित चंडीगढ़ की पुल निर्माण कंपनी एसपी सिंगला द्वारा किया जा रहा है। पुल का निर्माण तैयारी तेजी से जारी है। पुराने पुल की अपेक्षा में नया रेल पुल डबल लाइन का होगा और विद्युतीकरण के बाद इस पर ट्रेनें बिजली की गति से दौड़ेंगी। नया रेल पुल पुराने अंग्रेजों के बने रेल पुल की तुलना में काफी मजबूत व विशाल होगा।

1.80 किलोमीटर लंबे नए पुल में कुल 19 पाया (पिलर) होगा और सभी पिलर की नदी में गहराई 45 से 50 मीटर तक होगा। पुराना रेल पुल का पिलर जहां ईंट का बना है। वहीं नया रेल पुल का पिलर पूरी तरह से आटोमेटिक बैचिंग प्लांट में बने कंक्रीट से बनाएं जा रहे है। जिसकी गुणवत्ता ही पुल की ताकत होगी। सभी 19 पिलर के चारों तरफ सुरक्षात्मक सील्ड बनाएं जा रहे है ताकि भविष्य में रेल पुल के पाया से अगर कोई बड़ा जहाज या नाव टकरा जाएं तो भी इसके नींव या पिलर पर कोई प्रभाव न पड़े। पुल के ऊपर स्टील का भी वर्क होगा। जो इसे पुराने रेल ब्रिज से अलग व मजबूत दर्शायेगा। पुल के निर्माण के लिए घाघरा नदी के दोनों छोर पर बलिया और देवरिया जनपद के सरहद में निर्माण कार्य तेजी से जारी है।

लाॅकडाउन से काम प्रभावित बावजूद मार्च 2024 तक बन जायेगा तुर्तीपार रेल पुल

रेल विकास निगम लिमिटेड (आरबीएनएल) के मुख्य परियोजना प्रबंधक वीके शुक्ला ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण मैन पावर में कमी आने से काम प्रभावित तो हो रहा है किंतु मार्च 2024 तक पुल का निर्माण हर हाल में पूरा हो जायेगा। बताया कि 1.08 किलोमीटर लंबे नए रेल पुल की लागत करीब 325 करोड़ रुपए तक होगी। जो डबल लाइन का पुल होगा किंतु निर्माण के बाद इस पर फिलहाल सिंगल रेल लाइन ही बिछाई जायेगी और एक ही रेल लाइन का प्रयोग किया जायेगा। पुराने रेल पुल के रेल लाइन का प्रयोग निरंतर जारी रहेगा। भविष्य में पुराना पुल के पूरी तरह से डेड होने या जरुरत पड़ने पर ही नए रेल पुल के दूसरे लाइन को तत्काल कम लागत में तैयार कर दिया जायेगा। दावा किया कि नए रेल पुल के निर्माण के हर मैटेरियल की गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाता है। नए रेल पुल भूकंपरोधी होगा और इसका  7.5 रियक्टर स्केल तक का भूकंप झेलने की क्षमता होगा।

जानिए तुर्तीपार रेल पुल

स्थान- बिल्थरारोड और तुर्तीपार रेलवे स्टेशन के बीच घाघरा नदी पर तुर्तीपार। बलिया और देवरिया जनपद की सरहद

लंबाई- 1.08 किलोमीटर

चैड़ाई- डबल रेल लाइन

लागत- 250 से 325 करोड़

पिलर - 19

भूकंपरोधी क्षमता- 7.5 रिएक्टर स्केल

निर्माण पूरा होने की अवधि- मार्च 2024

निर्माण कार्य- रेल विकास निगम लि.

कार्यदेयी संस्था- एसपी सिंग्ला, चंडीगढ़।


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