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New Parliament: नए संसद भवन की शान बढ़ाएगी भदोही की कालीन, 100 वर्ष से पहले नहीं होगी खराब

प्रोडक्शन मैनेजर सुधीर राय ने बताया कि कालीन के एक इंच में 120 गांठें लगी हुई हैं। इसकी आयु 100 वर्ष से कम नहीं है। उन्होंने जानकारी दी कि जैसी कालीन सेंट्रल विस्टा में लगाई जा रही है उसकी सबसे अधिक मांग अमेरिका में होती है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Fri, 26 May 2023 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 26 May 2023 06:30 AM (IST)
New Parliament: नए संसद भवन की शान बढ़ाएगी भदोही की कालीन, 100 वर्ष से पहले नहीं होगी खराब
New Parliament: नए संसद भवन की शान बढ़ाएगी भदोही की कालीन, 100 वर्ष से पहले नहीं होगी खराब

भदोही, महेंद्र दुबे। भदोही के बुनकरों की अंगुलियों का जादू 28 मई को पूरी दुनिया देखेगी, मौका होगा नए संसद भवन के लोकार्पण का। जर्मनी, अमेरिका सरीखे देशों में अपनी मखमली कालीनों की चमक बिखेर चुकी भदोही जिले की हैंड नाटेड (हस्त निर्मित) कालीन सेंट्रल विस्टा की शोभा बनकर उसकी शान बढ़ाएगी। 1400 कालीन बुनकरों ने छह महीने में अपने हाथों से 348 कालीन तैयार किए हैं।

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प्रोडक्शन मैनेजर सुधीर राय ने बताया कि कालीन के एक इंच में 120 गांठें लगी हुई हैं। साथ ही यह कालीन उच्च गुणवत्तायुक्त है। इसकी आयु 100 वर्ष से कम नहीं है। उन्होंने जानकारी दी कि जैसी कालीन सेंट्रल विस्टा में लगाई जा रही है उसकी सबसे अधिक मांग अमेरिका में होती है। कालीन निर्माता कंपनी ओबीटी के प्रेसिडेंट (प्रशासन) आइबी सिंह ने बताया कि कालीन तैयार करने के लिए कंपनी को अक्टूबर 2021 में आर्डर मिला था।

सात महीने के अंदर छह हजार स्क्वायर यार्ड एरिया कवर करने के लिए 348 पीस कार्पेट तैयार करने को कहा था। छह महीने में ही हस्त निर्मित कालीन तैयार कर मई 2022 में भेज दिया था। सेंट्रल विस्टा के लोक सभा और राज्य सभा दोनों सदनों में कालीन की फीडिंग के लिए यहां से श्रमिकों को भेजा गया था। यह काम भी पूरा हो गया है। कालीन की डिजाइन सेंट्रल विस्टा तैयार कर रही एजेंसी की ओर से उपलब्ध कराई थी। ओबीटी कंपनी इंग्लैंड की है। सारे शेयर कोलकाता के रुद्र चटर्जी ने खरीदे हैं।

क्या है हैंड नाटेड कारपेट

हैंड नाटेड (हस्त निर्मित) परंपरागत कालीन है। कच्चे माल से लेकर इसकी बुनाई तक की कारीगरी बुनकरों के हाथों से होती है। केवल हाथ से बने होने के कारण यह सामान्य कालीनों के मुकाबले महंगे होते हैं। इसकी गुणवत्ता बेहतर होती है। इसे दूर से देखकर ही पहचाना जा सकता है। देश भर के कालीन उत्पादन का लगभग चालीस प्रतिशत कालीन अकेले भदोही जिले में ही होता है।


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