सुभाष चंद्र बोस के मंदिर में दर्शन करने वाराणसी पहुंचे नेताजी के प्रपौत्र सोमनाथ बोस
लमही स्थित सुभाष भवन में बने नेताजी के मंदिर में दर्शन करने के लिए उनके प्रपौत्र सोमनाथ बोस पहुंचे। नेताजी को पुष्प अर्पित कर आरती की।
वाराणसी, जेएनएन। लमही स्थित सुभाष भवन में बने नेताजी के मंदिर में दर्शन करने के लिए उनके प्रपौत्र सोमनाथ बोस पहुंचे। नेताजी को पुष्प अर्पित कर आरती की। सोमनाथ बोस ने कहा कि यह मंदिर क्रांति का, मातृभूमि की रक्षा का, देशभक्ति का और स्वदेशी का प्रेरणा देने वाला मंदिर है । इस मंदिर में दर्शन करने के बाद मां भारती के प्रति जीवन समर्पित करने की प्रेरणा मिलती है। इस दौरान विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन की ओर से नागरिकों की कसम, भारतीय संविधान एवं भारतीय कानून के सम्मान की विषयक संगोष्ठी आयोजित की गयी।
मुख्य अतिथि विराग पाचपोर ने कहा कि नागरिकों को केवल अधिकारों की चिन्ता नहीं करनी चाहिए बल्कि कर्तव्य पर भी ध्यान देना चाहिए। अपने देश के कानून का सम्मान करना और कानून के अनुसार जीवन को बनाना प्रत्येक नागरिक का कत्र्तव्य है। आज देश को तोड़ने की साजिश करने वाले संविधान का सहारा लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ऐसे लोगों को बेनकाब करना चाहिए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सोमनाथ बोस ने कहा कि यह विश्व का पहला सुभाष मंदिर है। सुभाष के अनुयायी पूरी दुनिया से इस मंदिर का दर्शन करने आएंगे। जब-जब एकता और अखंडता पर प्रश्न खड़ा होगा तब-तब इस मंदिर से प्रेरणा लेकर सुभाष के अनुयायी भारत की एकता और अखंडता के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे। संगोष्ठी का संचालन अर्चना भारतवंशी ने किया एवं धन्यवाद मृदुला जायसवाल ने दिया।