भतीजे ने अपनी ही बुआ से मांगी ढाई करोड़ की रंगदारी, हिरासत में लेकर किया गया चालान
सिगरा थानान्तर्गत सम्पूर्णानन्द कॉलोनी में शुक्रवार को भतीजे के द्वारा अपनी अध्यापिका बुआ से ढाई करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है।
वाराणसी, जेएनएन। सिगरा थाना क्षेत्र के संपूर्णानंद नगर में गोद लिए भतीजे ने बुआ से ढाई करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी है। आरोपित भतीजे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पीडि़ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त है।
काशी हिंदू विश्विद्यालय के समाज संकाय विभाग से सेवानिवृत्त डॉ. आशारानी मेहरोत्रा (78) ने गुरुवार रात पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह शुरू से ही अपने मायके में तीन भाईयों के साथ रहती है। इनमें से एक भाई विमल मेहरोत्रा के पुत्र मनीष मेहरोत्रा से विशेष लगाव होने के कारण उसने गोद ले लिया और शादी नहीं की। उसने अपनी देखरेख मनीष की शिक्षा-दीक्षा की, लेकिन बड़ा होने पर उसकी संगत कुछ गलत लोगों के साथ हो गई। मनीष ने व्यवसाय की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने पैसे दे दिए। बाद में उसने व्यवसाय में नुकसान की बात कहकर उसे बद कर दिया तो परिजनों को जानकारी हुई। इस दौरान काफी पैसा बर्बाद हो गया, लेकिन प्यार में उन्होंने मनीष को सांत्वना दी कि व्यवसाय में फायदा व नुकसान होता रहा है। इसके बावजूद उनके पैसों को खर्च करता रहा। इसी बीच उसकी शादी हुई, परंतु पत्नी के साथ बर्ताव अच्छा न होने पर तलाक हो गया। इसके कुछ समय उसने गीता देवी नाम की महिला से प्रेम विवाह किया। 18 जनवरी को मनीष द्वारा उसके नाम का लिखा पत्र लिखा, जिसमें उसने ढाई करोड़ रुपये की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि 31 जनवरी तक पैसा नहीं मिला तो पीडि़ता व परिवार के सदस्यों के साथ गंभीर हादसा कर देगा। उसी दिन एक अन्य पत्र भी मिला, जिसमें उसने अपनी हत्या, मौत या आत्महत्या की जिम्मेदारी उसके भाई के पुत्र अनिल मेहरोत्रा, उसकी पत्नी कल्पना मेहरोत्रा व अन्य के ऊपर डालने की बाद कही। इसके बाद सिगरा पुलिस ने शुक्रवार को आरोपित को सिगरा चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। मामले में उससे पूछताछ चल रही है।