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नीट सॉल्‍वर गिरोह ने उड़ाए होश, यूपी की अन्‍य परीक्षाओं में बड़ा खेल, जानिए गिरोह के काम करने का तरीका

सोमवार को सारनाथ थाने में पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज हुआ तो पता चला के सिर्फ नीट की परीक्षा ही नहीं बल्कि उत्‍तर प्रदेश में सरकारी नौकरी और प्रतियो‍गी परीक्षाओं में भी व्‍यापक स्‍तर पर सेंधमारी वाराणसी लखनऊ और कानपुर क्षेत्र में हुई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 11:11 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 11:11 AM (IST)
नीट सॉल्‍वर गिरोह ने उड़ाए होश, यूपी की अन्‍य परीक्षाओं में बड़ा खेल, जानिए गिरोह के काम करने का तरीका
नए मुकदमे और नए खुलासे सरकारी प्रयासों की कमजोर कड़‍ियों और प्रशासन की नाकामी को उजागर कर रहे हैं।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। पुलिस कमिश्‍नरेट की ओर से नीट परीक्षा में सेंधमारी करने वाले गिरोह को पकड़ने का क्रम लगातार जारी है। हर गिरफ्तारी के साथ नए मुकदमे और नए खुलासे सरकारी प्रयासों की कमजोर कड़‍ियों और प्रशासन की नाकामी को उजागर कर रहे हैं। कई राज्‍यों में फैले गिरोह के नेटवर्क का बहुत ही मामूली तरीके से परीक्षा में सेंधमारी का तरीका आपको हैरान कर देगा। तकनीक के सहारे अभ्‍यर्थी और उसकी जगह पैसा लेकर परीक्षा देने वाले का चेहरा कंप्‍यूटर से मिलाकर (मार्फ्ड) करके परीक्षा में बैठा दिया जाता था। सोमवार को सारनाथ थाने में पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज हुआ तो पता चला के सिर्फ नीट की परीक्षा ही नहीं बल्कि उत्‍तर प्रदेश में सरकारी नौकरी और प्रतियो‍गी परीक्षाओं में भी व्‍यापक स्‍तर पर सेंधमारी वाराणसी, लखनऊ और कानपुर क्षेत्र में हुई है।

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ऐसे होता था फर्जीवाड़ा : परीक्षा के लिए पहले मालदार अ‍भ्‍यर्थी की तलाश होती थी जो नौकरी के लिए अच्‍छी कीमत देने को तैयार हो जाए। उसके बाद गिरोह किसी टैलेंटेड अभ्‍यर्थी को पैसे देकर सिर्फ परीक्षा दिलाने के लिए तैयार करता था। उसके बाद अभ्‍यर्थी और फर्जी परीक्षा देने वाले की फोटो को कंप्‍यूटर से मर्ज करके एक नया चेहरा दे दिया जाता था जिससे परीक्षा देने वाला और अभ्‍यर्थी दोनों एक ही लगने लगते थे। इसके बाद पैसे लेकर परीक्षा देने वाला अलग हो जाता था और परीक्षा में चयन के बाद धोखेबाज अभ्‍यर्थी नौकरी पा जाता था। जबकि मध्‍यस्‍थता के तौर पर गिरोह को लाखों रुपये मिलते थे। वहीं पैसे के लालच में कई मेडिकल स्‍टूडेंड ही नहीं बल्कि टॉपर तक इस गिरोह के लिए काम करते थे और परीक्षा में दूसरे की जगह बैठते थे। 

पुलिस कमिश्‍नरेट ने किया उजागर : इस बाबत वाराणसी पुलिस कमिश्‍नरेट की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश की विभिन्न नौकरियों की परीक्षाओं जैसे सहायक शिक्षक, यूपीटेट, यूपीएसआई, चिकित्सा विभाग में एएनएम, एसएससी सहित अन्य कई परीक्षाओं में भी व्‍यापक स्‍तर पर सेंधमारी की गई है। भारी भरकम रकम देने वाले अभ्यर्थियों को सॉल्वरों के माध्यम से पास कराने के लिए दिल्ली-लखनऊ एवं कानपुर के गैंग के साथ मिलकर भारी पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। पूछताछ में पता चला है कि पूरे गिरोह में अलग साथियों के साथ ही वाराणसी का गिरोह एक समानांतर गैंग भी चला रहा था। जबकि सरगना पीके उर्फ नीलेश के हत्‍थे चढ़ने के बाद पुलिस को नीट के अतिरिक्‍त भी भारी अनियमितता परीक्षाओं में पता चली है। पूछताछ में कितने अभ्‍यर्थी इस तरह सरकारी नौकरी पैसे के बल पर हथिया चुके हैं इसका कोई अंदाजा नहीं है। जबकि इस गिरोह के लोग अभ्‍यर्थियों से पैसे वसूलकर करोड़पति तक हो गए। 

जांच की आंच : वाराणसी पुलिस कमिश्‍नरेट की सक्रियता की वजह से फर्जी दस्‍तावेज बनाने वाले से लेकर गिरोह के सरगना तक अब सलाखों के पीछे हैं। मगर, फर्जी तरीके से पैसे के बल पर नौकरी पाने वाले धोखेबाज और अपराधी चेहरे अब भी बेनकाब होने शेष हैं। माना जा रहा है कि पैसे के बूते नौकरी पाने वाले कई सफेदपोश चेहरे हैं। जांच की आंच में अगर बारीकी से पड़ताल हुई तो कई फर्जी डाक्‍टर, टीचर और अन्‍य वह सरकारी कर्मचारी सामने आएंगे जिन्‍होंने इस गिरोह की मदद से वाजिब अभ्‍यर्थियों का हक पैसे के बूते मार लिया और मेधा को दर दर की ठोकरें खाने पर विवश किया है। 

पुलिस फॉरेंसिक तरीका अपनाएगी : नीट परीक्षा में शामिल कई अभ्‍यर्थी जो इस गिरोह के संपर्क में थे उनके फ‍िंंगर प्रिंट भी जांचे जा रहे हैं। दरअसल उनकी जगह किसी दूसरे ने परीक्षा दी है या खुद वह बैठे हैं इसके लिए परीक्षा देने वाले अभ्‍यर्थी और मूल अभ्‍यर्थी के अंगूठे का प्रिंट लेकर जांच लखनऊ की प्रयोगशला में होनी है। अगर दर्जन भर से अधिक यह कैंडीडेट भी फर्जी पाए गए तो मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे सरकारी व्‍यवस्‍था की पोल पट्टी उजागर कर देंगे। 

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