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वाराणसी में दूध का कारोबार बढ़ाने का एनडीडीबी सिखाएगा गुर, सिलीगुड़ी में चल रहा चार दिवसीय प्रशिक्षण

प्रदेश भर के 17 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सहकारी डेयरी प्रशिक्षण शोध संस्थान के प्राचार्य व पराग के जीएम डा.अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण में डेयरी के विकसित करने संबंधित कई बिंदुओं पर चर्चा होगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 06:00 PM (IST)
वाराणसी में दूध का कारोबार बढ़ाने का एनडीडीबी सिखाएगा गुर, सिलीगुड़ी में चल रहा चार दिवसीय प्रशिक्षण
प्रदेश भर के 17 अधिकारियों को डेयरी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। घाटे में चल रहे पराग डेयरी के कारोबार को बढ़ाने के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) ने कदम बढ़ाया है। पश्चिमी बंगाल के सिलीगुड़ी में चार से सात अक्टूबर तक चार दिवसीय प्रशिक्षण में प्रदेश के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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इसमें दूध का उत्पादन बढ़ाने, अत्याधुनिक मशीनों को चलाने, दूध कारोबारियों में पकड़ बनाने सहित अन्य मुद्दों का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण शिविर में वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती, मीरजपुर, आजमगढ़, प्रयागराज मंडल के 17 अधिकारी शामिल हुए हैं। उधर, यह भी तय माना जा रहा है रामनगर पराग डेयरी को अगले सप्ताह एनडीडीबी को पांच साल के लिए हस्तांतरित कर दिया जाएगा। एनडीडीबी भारत सरकार की एजेंसी है। देश में किसी भी पराग डेयरी में दिक्कत होने पर उसका समाधान नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ही करती है। प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड (पीसीडीएफ) द्वारा संचालित पराग डेयरी का संचालन नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) को मिलने वाली है। लोगों को याद आ रहा वह दौर जब पैकेट बंद दूध के मायने ही पराग हुआ करता था। बाद में धीरे-धीरे निजी कंपनियों ने दूध कारोबार और बाजार पर कब्जा कर लिया और डेयरी घाटे में चली गई।

बोर्ड के अनुसार कर्मचारियों की कमी भी घाटे का एक कारण है। अब राज्य सरकार जिला योजना के तहत अधिकारियों को एनडीडीबी के प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए भेजा गया है। सिलीगुड़ी में एनडीडीबी का प्रशिक्षण ट्रेनिंग सेंटर है। वहीं पर चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। चर्चा यह है कि रामनगर पराग डेयरी को अब एनडीडीबी की संभालेगी। बहरहाल अभी ट्रेनिंग लेकर लौटने के बाद अधिकारी अपने नए अनुभव को साझा करेंगे। इससे उम्मीद है कि घाटे में चल रही डेयरी को कुछ फायदा होगा। प्रदेश भर के 17 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सहकारी डेयरी प्रशिक्षण शोध संस्थान के प्राचार्य व पराग के जीएम डा.अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण में डेयरी के विकसित करने संबंधित कई बिंदुओं पर चर्चा होगी। यहां मिलने वाली जानकारी से डेयरी को घाटा से उबारने में मदद मिलेगी। पराग के हस्तांतरण का मामला शासन को भेज दिया गया है। आशंका है कि अगले सप्ताह में निर्णय ले लिया जायेगा।


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