विस्फोटक व आयुध अधिनियम में नक्सली जामवंत को हुई सात साल की सजा
चार अप्रैल 2010 को पुलिस को लक्ष्य करके नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी, इस दौरान पुलिस ने एक नक्सली रामसजीवन कुशवाहा उर्फ गुरुजी उर्फ जामवंत पकड़ लिया।
सोनभद्र, जेएनएन । अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शनिवार को विस्फोटक पदार्थ व आयुध अधिनियम में एक मुकदमे की सुनवाई की। इसमें दोष सिद्ध होने पर नक्सली रामसजीवन कुशवाहा को सात साल के कारावास की सजा सुनाई।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बताया कि चार अप्रैल 2010 को प्रभारी निरीक्षक विजयमल यादव को नक्सलियों के आने की सूचना मिली। इस दौरान उन्होंने बताए गए स्थान पर फोर्स के साथ घेरेबंदी की। रात में कोन थाने के नेकहा गांव के पास 7-8 लोगों के आने की आहट मिली। उनको पुलिस द्वारा आत्मसर्मपण की चेतावनी दी गयी। जिस पर उन्होंने पुलिस को लक्ष्य करके फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने एक नक्सली रामसजीवन कुशवाहा उर्फ गुरुजी उर्फ जामवंत पकड़ लिया।
उसके पास से एक रिवाल्वर, चार जिंदा कारतूस, 50 जिलेटिन राड व डेटोनेटर वायर के साथ चार नक्सल साहित्य बरामद हुआ। इसके साथ ही भाग रहे अन्य लोगों का पीछा करने पर मुन्ना विश्वकर्मा, लालब्रत, अजीत कोल, नन्दू चेरो की पहचान की गई। इस मामले में कोर्ट ने अंतिम सुनवाई के दौरान पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त रामसजीवन कुशवाहा उर्फ गुरुजी को दोषसिद्ध पाये जाने पर सात साल की सजा व अन्य धाराओं में नौ हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई।