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Navratri 2020 : नवरात्र के सातवें दिन देवी कालरात्रि का पूजन, करें घर बैठे मां का दर्शन और जानें विधान

भगवान शिव की नगरी काशी में नौ देवियों की अलग - अलग स्‍थानों पर मंदिर स्‍थापित हैं। प्राचीन काल से ही इन मंदिराें में नवरात्र के दौरान दर्शन पूजन होता रहा है। नवरात्र की सप्‍तमी पर देवी कालरात्रि की पूजा का विधान माना गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 09:52 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 07:05 PM (IST)
Navratri 2020 : नवरात्र के सातवें दिन देवी कालरात्रि का पूजन, करें घर बैठे मां का दर्शन और जानें विधान
नवरात्र की सप्‍तमी पर देवी कालरात्रि की पूजा का विधान माना गया है।

वाराणसी, जेएनएन। भगवान शिव की नगरी काशी में नौ देवियों की अलग - अलग स्‍थानों पर मंदिर स्‍थापित हैं। प्राचीन काल से ही इन मंदिराें में नवरात्र के दौरान दर्शन पूजन होता रहा है। नवरात्र की सप्‍तमी पर देवी कालरात्रि की पूजा का विधान माना गया है। शुक्रवार की सुबह से ही देवी कालरात्रि के मंदिरों में दर्शन पूजन का दौर शुरू हुआ जो दोपहर में मंदिर के कपाट बंद होने तक जारी रहा।

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काशी के ख्‍यात ज्‍योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार शक्ति की अधिष्ठात्री मां जगदंबा की पूजा आराधना के पर्व शारदीय नवरात्र के साथ में दिन देवी के सप्तम स्वरूप कालरात्रि के दर्शन पूजन का विधान है। देवी जगदंबा के इस स्वरूप में संघ आरके सकती है काल का विनाश करने की शक्ति के कारण इन्हें कालरात्रि कहा गया। देवी कालरात्रि का स्वरूप विकराल किंतु अत्यंत शुभ है। मान्यता है कि देवी कालरात्रि अकाल मृत्यु से बचाने वाली और भय बाधाओं का विनाश करने वाली है।

देवी का मंदिर : शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि पर देवी के कालरात्रि स्वरूप के दर्शन पूजन का विधान माना गया है। इस बार नवरात्र के दौरान देवी की आराधना 23 अक्टूबर, शुक्रवार को की जा रही है। काशी में देवी का मंदिर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब ही कालिका गली में स्थित है। देवी का स्वरूप अौर स्वभाव संग प्रभाव का आभास उनके नाम से ही हो जाता है। अंधकार का नाश करने वाली तथा काल से रक्षा करने वाली देवी कालरात्रि के दर्शन पूजन से समस्त ग्रहों की भय और बाधा का नाश होता है।

देवी के लिए मंत्र : 'एक वेणी जयाकर्णपूरा नग्नाखरास्थिता। लंबोष्‍ठी, कर्णि काकर्णी तैला मयस्‍य शरीरिणी।। वा पाहोल्‍लसल्‍लोह लता कंटक भूषण। वर्धऩ मर्धध्‍वजा कृष्ण काल रात्रिभयंकरी।।' मंत्र से देवी की आराधना करने का विधान माना गया है।

आज का संदेश : देवी का स्वरूप भय मुक्त होकर ईश्वर में विश्वास रखते हुए कर्म का संदेश देता है।

सोशल मीडिया में महिमा मंडन

यूपी पर्यटन विभाग की ओर से नवरात्र के पूरे नौ दिन काशी में अलग अलग देवी मंदिरों से सोशल मीडिया पर पूजन के साथ ही मंदिर पर पोस्‍टर जारी किया गया रहा है। शुक्रवार को देवी कालरात्रि के मंदिर पर पोस्‍टर जारी करने के साथ ही सोशल मीडिया पर सुबह दर्शन पूजन का घंटे भर का आयोजन शेयर किया गया। शाम को भी मंदिर से सोशल मीडिया टीम ने पूजन का प्रसारण किया। वहीं मंदिर में शात सात बजे तक पांच हजार लोगों से अधिक लोग दर्शन पूजन कर चुके थे।


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