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National Handicrafts Week : देश ही नहीं, विदेश में भी इसराइल के Wall Hanging की धूम

National Handicrafts Week वाल हैंगिंग ही पहाड़पुर कला गांव के व्यवसायी मोहम्मद इसराइल का सब कुछ है। इसी के भरोसे न सिर्फ उनका परिवार पलता है उन्हेंं एक मुकाम भी हासिल है। छह बच्चे भी इस हुनर में माहिर होकर धंधे को आगे ले आए हैं।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 05:31 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 09:56 AM (IST)
National Handicrafts Week : देश ही नहीं, विदेश में भी इसराइल के Wall Hanging की धूम
National Handicrafts Week गाजीपुर में वाल हैंगिंग को अंतिम टच देते मोहम्मद इसराइल।

गाजीपुर, जेएनएन। National Handicrafts Week : वाल हैंगिंग ही पहाड़पुर कला गांव के व्यवसायी मोहम्मद इसराइल का सब कुछ है। इसी के भरोसे न सिर्फ उनका परिवार पलता है, उन्हेंं एक मुकाम भी हासिल है। छह बच्चे भी इस हुनर में माहिर होकर धंधे को आगे ले आए हैं। आज उनके वाल हैैंगिंग की धूम श्रीलंका, तर्की, स्पेन, ग्रीस, काठमांडू, जापान तक है। उनके बेटे कैसर को कानपुर में पिछले वर्ष शिल्प विभाग ने सम्मानित भी किया था।

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वैसे तो वाल हैंगिंग का कार्य पहाड़पुर कला, ईशनपुर, भितरी, भिखरीपुर, पचारा, सौरी समेत दर्जनों गांव में होता है, लेकिन इसका केंद्र है पहाड़पुर कला गांव और मुहम्मद इसराइल। करीब 50 साल पहले मात्र 21 वर्ष की आयु में इसराइल इस काम से जुड़े और आज उनकी बदौलत आसपास के गांवों के कारीगरों को आर्डर पहाड़पुर कला गांव से मिलता है। शुरुआती दौर में उन्होंने खूब मेहनत की। कोलकाता से कच्चा माल लाना, खुद वाल हैंगिंग बनाना और साथ ही अन्य लोगों को सिखाना। इस दौरान परिवार से पूरा समर्थन मिला। धीरे-धीरे वाल हैंगिंग में लोगों की दिलचस्पी बढऩे लगी।

बेटे ने बनाई कंपनी

वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत गाजीपुर में वाल हैंगिंग का चयन होते ही इस धंधे को जैसे पंख लग गए। बेटे मोहम्मद कैसर ने मो. इसराइल हैंडिक्राफ्ट नाम से कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया और ऋण के लिए अर्जी लगाई। ऋण स्वीकृत होने के बाद उन्होंने धंधे को खूब बढ़ाया। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरों से बड़े-बड़े आर्डर मिले। सरकार की तरफ से प्रशिक्षण कार्यक्रम से कैसर ने अपने गांव के साथ आसपास के गांवों के दर्जनों लोगों को जोड़ा।

पूरा परिवार मिलकर करता है काम

बकौल इसराइल अब काम काफी अच्छा चल रहा है। परिवार के महिला-पुरुष सभी मिलकर काम करते हैं। कच्चा माल बनारस में ही मिल जाता है। कमोबेश हर प्रदेश की राजधानी में प्रदर्शनी लगती रहती हैैं, जहां हम स्टाल लगाते हैैं। बड़ा आर्डर मिलने पर माल तैयार कर भेजा जाता है। देश के हर कोने के अलावा विदेश से भी मांग आती है।

गाजीपुर में डीपो की आवश्यकता

इसराइल का कहना है कि कच्चा माल वाराणसी से लाने में काफी समय व धन खर्च होता है। गाजीपुर में वाल हैंगिंग के लिए डीपो बन जाता तो यहां के व्यापारियों का काफी सहूलियत हो जाती। साथ ही नए लोग भी इस धंधे से जुड़ते।

परंपरागत डिजाइन से हटकर बना रहे वाल हैंगिंग

पहले केवल कुछ तयशुदा दृश्य या लैैंडस्केप, मंदिर, मस्जिद के डिजाइन के वाल हैंगिंग बनते थे, लेकिन हाल के वर्षों में चलन बदला है। लोग नए नए डिजाइन के वाल हैंगिंग की मांग करते हैं। परिवार के ही कुछ सदस्य डिजाइनिंग में काफी निपुण हो गए हैैं। 


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