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वाराणसी में डिजिटल प्लेटफार्म पर सजेगा राष्ट्रीय गंगा उत्सव, दो नवंबर से तीन दिनी वार्षिक कार्यक्रम

वाराणसी में नमामि गंगे की ओर से दो से चार नवंबर तक वार्षिक कार्यक्रम राष्ट्रीय गंगा उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष यह उत्सव गंगा किनारे रची-बसी सांस्कृतिक समृद्धि का भी उल्लास मनाएगा। इस कार्यक्रम से ट्विटर फेसबुक और यू-ट्यूब के साथ के जरिए जुड़ा जा सकता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 05:36 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:36 PM (IST)
वाराणसी में डिजिटल प्लेटफार्म पर सजेगा राष्ट्रीय गंगा उत्सव, दो नवंबर से तीन दिनी वार्षिक कार्यक्रम
वाराणसी में दो से चार नवंबर तक वार्षिक कार्यक्रम राष्ट्रीय गंगा उत्सव का आयोजन किया जाएगा।

वाराणसी, जेएनएन। नमामि गंगे की ओर से दो से चार नवंबर तक वार्षिक कार्यक्रम राष्ट्रीय गंगा उत्सव का आयोजन किया जाएगा। तीन दिनी उत्सव में गंगा फिल्म फेस्टिवल, गंगा डायलाग, मिनी गंगा क्विज, कहानी जंक्शन, नृत्य संगीत के साथ ही गंगा से जुड़े कार्यक्रम होंगे। गंगा विचार मंच काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में किया जा रहा है। इसका संयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा कर रहे हैं। इस बार कार्यक्रम में सद्गुरु जग्गी वासुदेव, गायक कैलाश खेर, अभिनेता राजीव खंडेलवाल, पद्मभूषण अनिल जोशी, नीलेश मिश्र, आनंद नीलकांतन, वस्वती मिश्रा, राजीव महरोत्रा, त्रिचुर बदर्स और कबीर कैफे से जुड़ी मशहूर हस्तियां शामिल होंगी।

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नमामि गंगे का प्रयास कार्यक्रम के माध्यम से गंगा की अविरलता और निर्मलता की दिशा में ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों, खासकर युवाओं और छात्रों को जोडऩा है। प्रयास है कि देश की अन्य नदियों को भी प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में सकारात्मक वातावरण का निर्माण करने में योगदान दिया जा सके। सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नमामि गंगे हर वर्ष 4 नवंबर को गंगा के राष्ट्रीय नदी घोषित करने के दिवस के रूप में मनाता रहा है। यह उत्सव कथाओं, लोककथाओं, प्रख्यात व्यक्तित्वों के साथ संवादों, क्विज, प्रसिद्ध कलाकारों, नृत्य दीर्घाओं, संगीत व पारंपरिक कलाकृति-प्रदर्शन द्वारा आध्यात्मिक व सांस्कृतिक नदी गंगा का जश्न मनाता रहा है। इस वर्ष यह उत्सव गंगा किनारे रची-बसी सांस्कृतिक समृद्धि का भी उल्लास मनाएगा। इस कार्यक्रम से ट्विटर, फेसबुक और यू-ट्यूब के साथ के जरिए जुड़ा जा सकता है।


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