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National CA Day 2020: वाराणसी में 1989 से अंकुरित और आज एक विशाल वृक्ष बनी सीए शाखा

भारत क्षेत्रीय परिषद की 20 वीं शाखा वाराणसी की नींव नौ अप्रैल 1989 को पड़ी थी जो आज एक विशाल वृक्ष बन चुकी है। 3500 भावी सीए भविष्य को देश की आर्थिक गतिविधियों से जोड़ रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 11:46 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 04:51 PM (IST)
National CA Day 2020: वाराणसी में 1989 से अंकुरित और आज एक विशाल वृक्ष बनी सीए शाखा
National CA Day 2020: वाराणसी में 1989 से अंकुरित और आज एक विशाल वृक्ष बनी सीए शाखा

वाराणसी, जेएनएन। National CA Day 2020 द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) एक वैधानिक निकाय है जो भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशे के नियमन के लिए संसद के एक अधिनियम द्वारा एक जुलाई 1949 में स्थापित किया गया है। अपने अस्तित्व के 71 वर्षों के दौरान, आइसीएआइ को शिक्षा, पेशेवर विकास, उच्च लेखांकन के रखरखाव, लेखा परीक्षा और नैतिक मानकों के क्षेत्र में योगदान के लिए न केवल देश में बल्कि विश्व स्तर पर एक प्रमुख लेखा निकाय के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। सिर्फ 1700 सदस्यों के साथ 71 साल पहले स्थापित आज पूरे विश्व में 330000 से अधिक सदस्यों और सात लाख से अधिक छात्रों के साथ दूसरा सबसे बड़ा लेखा निकाय है।

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इसकी 164 शाखाएं पूरे भारतवर्ष में है और इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। इसमें मध्य भारत क्षेत्रीय परिषद की 20 वीं शाखा वाराणसी की नींव नौ अप्रैल 1989 को पड़ी थी, जो आज एक विशाल वृक्ष बन चुकी है। 31 साल शुरू हुई इस शाखा की शुरूआत में महज 40 विद्यार्थी थी, लेकिन आज 3500 भावी सीए अपने भविष्य को देश की आर्थिक गतिविधियों से जोड़ रहे हैं।

कोरोना काल का नहीं रहा मलाल

आइसीएआइ वाराणसी शाखा के अध्यक्ष सीए अरुण कुमार गुप्ता का कहना है कि अचानक आई इस वैश्विक महामारी को तमाम लोगों ने चुनौती एवं संभावना के रूप में स्वीकार किया। इसमें शामिल हैं आपके व्यवसाय का लेखा-जोखा दुरुस्त करने वाले सीए। लॉकडाउन के कारण व्यापारी घर से निकलना बंद कर दिए, अभी भी यही स्थिति है। इस कारण उनसे फोन व ई-मेल के माध्यम से डेटा मंगाकर उनकी रिटर्न एवं जीएसटी को भरा जा रहा है। इस बीच सभी सदस्य व विद्यार्थी पूर्ण रूप से वर्चुअल मोड पर आ गए। इसी का परिणाम है कि जिन स्पीकर को सुनने के लिए हमें लाखों रुपये खर्च करने पड़ते उन्हें के ज्ञान को फ्री में ही आत्मसात करने का मौका मिला। लॉकडाउन के दौरान वेबिनार से हम सभी अपनी शैक्षणिक योग्यता को बेहतर व अपग्रेड करते रहे। यानी इस मौके का सभी ने भरपूर उपयोग किया।

ज्ञान के साथ समाज सेवा भी

आइसीएआइ वाराणसी शाखा के सचिव  सीए सोम दत्त रघु ने बताया कि कोरोना काल में सीए जहां पेंडिंग कार्य को निपटाए वहीं समाज की सेवा में भी पीछे नहीं रहे। शाखा में वर्तमान में अकाउंटेंसी के पेशे को विनियमित करना, चार्टर्ड अकाउंटेंसी कोर्स की शिक्षा और परीक्षा, सदस्यों की सतत व्यावसायिक शिक्षा का आयोजन, पोस्ट योग्यता पाठ्यक्रम का आयोजन, लेखा मानकों का गठन, नैतिक मानकों को पूरा करना, वित्तीय रिपोर्टिंग की समीक्षा, सरकार के लिए नीतिगत मामलों पर इनपुट आदि का संचालन किया जा रहा है। कोरोना ने हमें तकनीकी स्तर भी बदलाव का मौका दिया है। सीए दिवस पर यही कहना चाहूंगा कि इसे हमें अवसर मानकर आगे बढऩा चाहिए।

 

वेबिनार के माध्यम से हर शैक्षणिक गतिविधियों से अपडेट होते रहे

छात्रा ऋचा शुक्ला का कहना है कि कोरोना के दौरान भले ही संस्थान नहीं गए लेकिन वेबिनार के माध्यम से हर शैक्षणिक गतिविधियों से अपडेट होते रहे। बड़े-बड़ी स्पीकरों को सुनने एवं उनका अनुभव जानने का मौका मिला। छात्रा श्रुति सिंघानिया ने बताया कि किसी भी परिस्थिति को जो अवसर मानकर आगे बढ़ेगा वह जरूर सफल होगा।  यह सही है कि संस्थान में नहीं जाने से पढ़ाई में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन हर संभव शैक्षणिक सहयोग भी मिला।


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