नितेश हत्याकांड से एक आरोपित का नाम कटा, , पूर्व सांसद व विधायक का घटना के बाद उछला था नाम
वाराणसी में ठेकेदार नितेश सिंह बबलू हत्याकांड के करीब डेढ़ साल होने को हैं। अब तक एक आरोपित गिरधारी उर्फ कन्हैया उर्फ डाक्टर का नाम ही चल रहा था। उसके लखनऊ में मारे जाने के बाद इस हत्याकांड से उसका नाम कट गया।
वाराणसी, जेएनएन। ठेकेदार नितेश सिंह बबलू हत्याकांड के करीब डेढ़ साल होने को हैं। अब तक एक आरोपित गिरधारी उर्फ कन्हैया उर्फ डाक्टर का नाम ही चल रहा था। उसके लखनऊ में मारे जाने के बाद इस हत्याकांड से उसका नाम कट गया। बाकी आरोपितों के नाम उसकी मौत के साथ ही दफन हो गए। हालांकि मामले में एक पूर्व सांसद व सत्ता पक्ष के विधायक का भी नाम उछला था। इसकी जांच की आंच उन तक भी पहुंच सकती है।
सूत्रों का कहना है कि मारे जाने से पहले गिरधारी ने लखनऊ पुलिस की पूछताछ में नितेश हत्याकांड के कई राज खोले हैं। फिलहाल मुठभेड़ के बाद पुलिस की व्यस्तता उससे जुड़ी कार्रवाई में बढ़ गई है। कप्तान अमित पाठक के मुताबिक इस बाबत लखनऊ पुलिस से जानकारी हासिल की जाएगी।
जानकार बता रहे कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की तर्ज पर ही नितेश हत्याकांड को भी अंजाम दिया गया था। इसमें कुल सात शार्प शूटर लगाए गए थे। सभी की भूमिका पहले से निर्धारित थी। शूटआउट में गिरधारी मुख्य शूटर की भूमिका में था। इनमें से गिरधारी समेत चार शातिर एक रसूखदार के अपार्टमेंट में, जबकि तीन सेंट्रल जेल रोड स्थित एक सफेदपोश के आवास पर ठहरे थे। बता दें कि 30 सितंबर 2019 को सदर तहसील परिसर में नितेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पूछताछ के लिए गई पुलिस टीम लौटी, शव भाइयों के हवाले
गिरधारी से पूछताछ करने गई पुलिस की टीम मंगलवार को वापस लौट आई। टीम को पूछताछ करने का मौका ही नहीं मिला। इससे पहले ही मुठभेड़ में गिरधारी ढेर हो गया। उधर, गिरधारी के भाई राकेश विश्वकर्मा व संजय विश्वकर्मा सहित रिश्तेदार लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान उन्होंने मुठभेड़ को लेकर अपना विरोध भी जताया। इस बीच बुधवार को पुलिस ने गिरधारी का शव उसके भाइयों के हवाले कर दिया। आइजी विजय सिंह मीना के मुताबिक गिरधारी के हिस्सेदारी वाले शराब ठेकों को बंद कराया जाएगा।