Move to Jagran APP

काशी में मुस्लिम महिलाओं ने की प्रभु श्रीराम की आरती, कोरोना संकट से देश को बचाने की आराधना

कोरोना संकट के दौरान मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने सभी मुस्लिम महिलाओं को भीड़ जुटाने से मना कर दिया। केवल उन्हीं चार महिलाओं को आरती की इजाजत दी जो प्रतिदिन श्रीराम आश्रम में आरती करती हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 04:02 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 04:02 PM (IST)
काशी में मुस्लिम महिलाओं ने की प्रभु श्रीराम की आरती, कोरोना संकट से देश को बचाने की आराधना
चार महिलाओं को आरती की इजाजत दी जो प्रतिदिन श्रीराम आश्रम में आरती करती हैं।

वाराणसी, जेएनएन। रामनवमी के अवसर पर पिछले 14 वर्षों से साम्प्रदायिक एकता के सूत्र में देश को बांधने के लिये मुस्लिम महिलायें भगवान श्रीराम की आरती करती आ रही हैं। हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में रचित श्रीराम आरती एवं श्रीराम प्रार्थना प्रत्येक रामनवमी पर मुस्लिम महिलाओं द्वारा गाया जाता है, लेकिन कोरोना संकट के दौरान मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने सभी मुस्लिम महिलाओं को भीड़ जुटाने से मना कर दिया। केवल उन्हीं चार महिलाओं को आरती की इजाजत दी जो प्रतिदिन श्रीराम आश्रम में आरती करती हैं।

prime article banner

श्रीराम आश्रम, इन्द्रेश नगर, लमही में सामाजिक दूरी बनाते हुये चार मुस्लिम महिलायें नेशनल सदर नाजनीन अंसारी की सदारत में भगवान श्रीराम की आरती करने के लिये खड़ी हुयीं। किसी के हाथ में आरती की थाली थी, किसी ने लोहबान जलाया और किसी ने कपूर। वातावरण को शुद्ध करने वाली सारी सामग्री जलायी गयी। मुंह पर मास्क लगाया और हाथों को अच्छी तरह धुलकर श्रीराम आरती में भाग लेने वाली महिलाओं ने कोरोना से दुनियां को बचाने के लिये अखिल ब्रह्मांड नायक भगवान श्रीराम से प्रार्थना किया।

साम्प्रदायिक एकता की मिशाल के रूप में हमेशा मुस्लिम महिलाओं की श्रीराम आरती को देखा जाता रहा है। अबकी बार मुस्लिम महिलाओं द्वारा भगवान श्रीराम की आरती भारत को कोरोना संकट से मुक्ति दिलाने के लिये किया गया। मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में लिखी श्रीराम आरती और श्रीराम प्रार्थना का गायन किया और संकट मोचक राम भक्त हनुमान चालीसा का पाठ कर इस भयानक संकट से मुक्त कराने के लिये प्रार्थना किया।

जिस तरह से भगवान श्रीराम ने राक्षसों के आतंक से भारत भूमि को मुक्त करा दिया था उसी तरह से कोरोना रूपी राक्षस के आतंक से भारत को मुक्त करायेंगे। सभी मुस्लिम–हिन्दू महिलाओं का यह मानना है कि भगवान श्रीराम के धरती पर अवतार लेने के दिन अर्थात् रामनवमी के दिन से ही कोरोना का संकट कम होगा और जल्द ही खत्म हो जायेगा। इसके लिये आवश्यक है कि सामाजिक दूरी बनाई रखी जाये और घरों में रहने की आदत डाली जाये।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन ने दो मंत्र कोरोना मरीजों को जपने के सलाह दी, इससे उलके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और वे जल्दी स्वस्थ्य होंगे “रां रामाय नम:” और “हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्।“

इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम का नाम ही अधर्म और संकट से मुक्ति का नाम है, भाईचारा को बढ़ाने वाला है और देश को एक सूत्र में बांधने वाला है। राम का नाम त्याग, लोक कल्याण एवं मोहब्बत का नाम है। इस समय पूरे देश को राम का नाम जपना चाहिये, ताकि घर में रहने और न्यूनतम आवश्यकता में अपनी पूर्ति का धैर्य प्राप्त हो। पूरी दुनियां को इस महामारी से बचने के लिये राम नाम का जप करना चाहिये। राम का नाम ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाला है।

विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डा. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं ने साम्प्रदायिक एकता का सन्देश दिया है और संकट के समय देश के लिये श्रीराम की शरणागत हुयी हैं। भगवान राम का नाम ही इस समय देश की रक्षा करेगा। कोरोना संकट के समय हमें धैर्य बनाये रखना है। जो राम के शरणागत होगा उसका जीवन सुखी और निरोगी होगा। राम के नाम से संकट मोचन हनुमान जी संकट दूर करते हैं।

उर्दू श्रीराम प्रार्थना में दो पंक्तियां लिखी हैं–

जो अपने को बस राम का बताता है, होती नहीं हार बस जीतता जाता है।

श्रीराम को जो दिल से बुलाता है, तकलीफ से वह फौरन बच जाता है।

जब-जब जमीन पर जुल्म बढ़ जाता है, तब-तब श्रीराम बनकर कोई आता है।

जो रावण को भी जंग में हराता है, वही श्रीराम कहलाता है।

श्रीराम आरती में नाजनीन अंसारी के अलावा नजमा परवीन, नगीना बानों, तबस्सुम, नाजमा बानों ने भाग लिया। आरती का गायन अर्चना भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, खुशी रमन भारतवंशी, इली भारतवंशी, डा. मृदुला जायसवाल ने किया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.