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मुस्लिमों ने काशी में एक हिन्दू की अर्थी काे दिया कंधा, बोले -'राम नाम सत्‍य है' Varanasi news

साझी संस्‍कृति और विरासत की नगरी काशी में रविवार को वह नजारा पेश हुआ जहां इंसानियत मजहब से ऊपर नजर आई।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 07:43 PM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 07:43 PM (IST)
मुस्लिमों ने काशी में एक हिन्दू की अर्थी काे दिया कंधा, बोले -'राम नाम सत्‍य है' Varanasi news
मुस्लिमों ने काशी में एक हिन्दू की अर्थी काे दिया कंधा, बोले -'राम नाम सत्‍य है' Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। साझी संस्‍कृति और विरासत की नगरी काशी में रविवार को वह नजारा पेश हुआ जहां इंसानियत मजहब से ऊपर नजर आई। एक ओर मंदिर मस्जिद मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो दूसरी ओर काशी में राम का नाम मुस्लिम समुदाय ने धार्मिक एकता की मिसाल पेश की है।

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मामला हरहुआ क्षेत्र के 'हरहुआ डीह' का है जहां पर हिन्दू परिवार की युवती सोनी (19) की रविवार को मलेरिया से पीड़ित होने पर मौत हो गई। मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जब कंधा देने की नौबत आई तो मुस्लिम समुदाय की ओर से एक हिंदू की अर्थी को कंधे कम नहीं पड़ने दिए। अर्थी को गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल पेश करते हुए मुस्लिम और हिन्दू युवकों एक साथ कंधा देकर मणिकर्णिका घाट ले जाकर न केवल अंतिम संस्कार में हिस्‍सा लिया बल्कि रास्‍ते भर 'राम नाम सत्‍य है' भी बोलते रहे।

हरहुआ डीह में गत 25 वर्षों से घर बनाकर होरीलाल विश्वकर्मा अपनी पत्नी जड़ावती संग पुत्र व तीन पुत्रियों के साथ रह कर फर्नीचर का काम करते रहे। होरीलाल को वर्षों पूर्व लकवा मार दिया था जिससे वह चलने फिरने में असमर्थ हो गए। वहीं पत्नी भी हृदय की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। परिवार की जिम्मेदारी बड़े पुत्र राजू ही किसी तरह चला रहा था। गरीबी के चलते सामान्य जिंदगी किसी तरह बसर कर रहे थे। रविवार की सुबह होरीलाल की पुत्री सोनी (19) की अचानक तबीयत बिगड़ी और लोग अस्पताल ले गए। मगर उसकी उपचार के दौरान ही मृत्यु हो गयी। सोनी की मौत के बाद उसके लाचार पिता और इकलौते भाई की बेबसी देख बस्ती के कई अल्पसंख्यक परिवार के लोग भी आर्थिक सहयोग के लिए पहुंचे।

वहीं अन्‍य हिन्दू परिवारों के लोग भी यह देखकर आर्थिक सहयोग के साथ कफ़न आदि देकर पहुंच गए। गांव की बेटी की अर्थी को अपनें कन्धों का सहारा देकर दोनों ही समुदाय के लोग मणिकर्णिका घाट 'राम नाम सत्‍य' बोलते हुए ले गए। क्षेत्र में हिंदू मुस्लिम एकता की गवाह बनी इस घटना की क्षेत्र में दिन भर चर्चा होती रही। हिंदू बहन को कंधा देने वालों में बब्बू हाश्मी, अकबाल खां, सोनू खां, महबूब शाह, छेदी शाह, असलम शाह, अनवर हाशमी, अफरोज, भोला जायसवाल, राजेश विश्वकर्मा, भरत सिंह अनवर उर्फ़ अन्नू आदि शामिल रहे।

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