वाराणसी के परेडकोठी में पोखरे से नगर निगम ने हटाया कब्जा, जेसीबी लगाकर कराया सीमांकन
वाराणसी नगर निगम प्रशासन ने सोमवार को परेडकोठी स्थित गोबरिहया पोखरी से कब्जा हटाने का अभियान चलाया।
वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम प्रशासन ने सोमवार को परेडकोठी स्थित गोबरिहया पोखरी से कब्जा हटाने का अभियान चलाया। दोपहर से देर शाम तक चली कार्यवाही के दौरान एक दर्जन से अधिक पक्के व कच्चे निर्माण गिराए गए तो पोखरी की पैमाइश हुई। अंत में नगर निगम की सामान्य इंजीनियरिंग विभाग के अभियंताओं ने राजस्व विभाग के साथ मिलकर सीमाकंन कराया और मौके पर बोर्ड लगाया।
परेडकोठी की जमीन रक्षा संपदा की है। वर्ष 1894 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने नगर पालिका को केयरटेकर के तौर पर यह जमीन दे दी थी। इसकी एवज में नगर पालिका को 16 सौ 57 रुपये आठ आने की अदायगी रक्षा संपदा को हर वर्ष करना होता था लेकिन नगर निगम बनने के बाद से तय रुपये का भुगतान नहीं हो रहा। करीब 30 साल हो गए नगर निगम को यह धनराशि रक्षा संपदा को दिए। इस मसले को पूर्व उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ने छावनी बोर्ड की मीटिंग में उठाते हुए प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को पत्र लिखा। परेडकोठी के लोगों की समस्या उजागर करते हुए अवगत कराया कि दो विभागों की लड़ाई में समस्या बढ़ गई है। लोगों के मकान का नक्शा पास नहीं हो रहा है तो खरीद-बिक्री पर भी रोक लगी है।
मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो रहा जबकि नगर निगम गृहकर वसूल रहा है। इसके बाद रक्षा संपदा की टीम आई और 160 एकड़ क्षेत्रफल सीमांकन किया है। बोर्ड लगा दिया था। कमिश्नर के यहां बैठक हुई थी। उन्होंने रक्षा संपदा के अफसरों कहा कि यह जमीन आपके उपयोग की नहीं है। इसके बाद रक्षा संपदा नए सिरे से रेट रिवायज कर भेजने की तैयारी कर रहा है। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने कहा कि इलाके के बहुत से मकान मालिक गृहकर नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा इलाके का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। इसलिए नए सिरे से गृहकर का मूल्याकंन कर व्यवसायिक भवनों व आवासीय भवनों से स्लैब के अनुसार गृहकर वसूला जाएगा।