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मऊ के एफसीआइ से मुख्तार अंसारी लेता रहा 1.80 करोड़ का किराया, गाेदाम के कुछ हिस्से को किया गया सीज

डेढ़ दशक तक विधायक मुख्तार अंसारी के सितारे बुलंदी पर थे। इस दौरान विधायक ने जिन क्षेत्रों में हाथ आजमाए उसे हासिल ही किया। मऊ नगर सहित कई जगहों पर विधायक ने गरीबों की बेशकीमती जमीनों पर हाथ डाला।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 09:20 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 09:20 AM (IST)
मऊ के एफसीआइ से मुख्तार अंसारी लेता रहा 1.80 करोड़ का किराया,  गाेदाम के कुछ हिस्से को किया गया सीज
डेढ़ दशक तक विधायक मुख्तार अंसारी के सितारे बुलंदी पर थे।

मऊ, जेएनएन। डेढ़ दशक तक विधायक मुख्तार अंसारी के सितारे बुलंदी पर थे। इस दौरान विधायक ने जिन क्षेत्रों में हाथ आजमाए उसे हासिल ही किया। मऊ नगर सहित कई जगहों पर विधायक ने गरीबों की बेशकीमती जमीनों पर हाथ डाला। दहशत के मारे औने-पौने दामों पर गरीबों की जमीन ले लिया। कहीं गोदाम बना दिया तो कहीं विद्यालय तक की नींव डाल दी। दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के रैनी गांव में अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन को कम दाम पर तथा सरकारी जमीन पर कब्जा जमाकर एफसीआइ गोदाम बनवा डाला। इससे मुख्तार अंसारी को प्रतिवर्ष 1.80 करोड़ रुपया एफसीआइ से किराए के रूप में लेता रहा। अब जब योगी सरकार ने अपराधियों के विरुद्ध अभियान छेड़ डाला तो पूर्वांचल में विधायक मुख्तार अंसारी का गिरोह निशाने पर आ गया। शुरू में तो प्रशासन ने गुर्गों पर कार्रवाई किया परंतु अब सीधे मुख्तार अंसारी के आर्थिक तंत्र को ध्वस्त करने का कारवां चल निकला। प्रशासन ने विधायक की पत्नी अफशा अंसारी, दो साले, मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन सहित पांच के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया है।

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मुख्तार अंसारी पहली बार 1996 में विधायक बना। इसके बाद विधायक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बसपा व सपा की सरकार में विधायक का कद ऐसा बढ़ा कि जहां हाथ डाला, तो उसे हासिल किया। लगभग डेढ़ दशक तक राजनीतिक जमीन तैयार करने के बाद मुख्तार अंसारी आर्थिक तंत्र को बढ़ाने लगा। इसी दौरान दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के रैनी गांव में लगभग 15 बीघा उबड़-खाबड़ जमीन पर उसकी नजर पड़ी। 2010-11 में रैनी गांव के कुछ भूमिहार, यादव व अनुसूचित जाति की जमीनों को विधायक ने अपनी दहशत के दम पर पत्नी आफसा अंसारी, बिजनेस पार्टनर सरजील रजा उर्फ आतिफ, अनवर शहजाद (मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन) सहित पांच लोगों के नाम पर जमीन लगभग 40 से 50 हजार प्रति बीघा की दर से खरीद ली गई। साथ ही बगल के ग्रामसभा की जमीनों पर भी कब्जा जमा लिया गया। लगभग दो वर्षों में यहां आलीशान गोदाम बनकर तैयार हो गया। विधायक ने इसका एग्रीमेंट एफसीआइ से किया। 15 लाख रुपये प्रतिमाह यानि 1.80 करोड़ रुपये किराया वसूला जाने लगा। लगभग सात वर्ष तक किराया के रूप में करोड़ों रुपये लिए गए। बीते नवंबर माह में जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर लगभग 3.26 करोड़ के लागत वाली रैनी में अवैध रूप से बने एफसीआइ गोदाम को सीज कर दिया था। साथ ही सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण को भी ध्वस्त करते हुए विधायक की पत्नी, दो साले सहित पांच लोगों के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज कराया था।

अब सीधे राडार पर मुख्तार

प्रदेश में योगीराज आते ही मुख्तार अंसारी गिरोह शासन-प्रशासन के निशाने पर आ गया। शुरूआत में प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के गुर्गों के आर्थिक तंत्र को ध्वस्त करने की कार्रवाई की। मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़े कोयला माफिया, मछली माफिया, अवैध स्लाटर हाउस, वसूली माफिया आदि पर धड़ाधड़ कार्रवाई हुई। अब प्रशासन ने सीधे मुख्तार अंसारी के परिवार को राडार पर लिया है। जहां रैनी गांव में मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी के नाम की जमीन पर कार्रवाई हुई तो नगर क्षेत्र में जहांगीराबाद दशई पोखरा स्थित विधायक के बेटों के नाम की लगभग 24 करोड़ की जमीन को प्रशासन ने जब्त कर लिया है। इसके बाद प्रशासन अभी विधायक सहित उनके परिवार के नाम की बेनामी संपत्तियों को खंगालने में जुटा है।

एफसीआइ गाेदाम को कुछ हिस्से को सीज कर कुर्क कर लिया गया

एफसीआइ गाेदाम को कुछ हिस्से को सीज कर कुर्क कर लिया गया है। एफसीआइ से जो किराया मिलता है, उसे सरकार के पक्ष में जमा कराया जा रहा है।

- अमित सिंह बंसल, जिलाधिकारी मऊ।


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