सवालों में ही रहा सांसद अनुप्रिया पटेल का देव दीपावली पर वाराणसी नहीं आना, लोकसभा चुनाव में बढ़ी दूरी
खजुरी गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अनुप्रिया पटेल का नहीं आना कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कोई आपसी मतभेद तो कोई गठबंधन पर सवाल उठाता रहा। उनके पार्टी के कार्यकर्ता भी जनसभा स्थल पर दिखाई नहीं पड़े।
वाराणसी [जेपी पांडेय] । खजुरी गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अनुप्रिया पटेल का नहीं आना कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कोई आपसी मतभेद तो कोई गठबंधन पर सवाल उठाता रहा। उनके पार्टी के कार्यकर्ता भी जनसभा स्थल पर दिखाई नहीं पड़े। हालांकि उनकी पार्टी से सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक नील रतन पटेल नीलू ने प्रधानमंत्री का जनसभा स्थल पर स्वागत जरूर किया। मंच पर प्रधानमंत्री के साथ भदोही सांसद रमेश ङ्क्षबद और मीरजापुर सांसद अनुप्रिया पटेल को बैठना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में केंद्रीय मंत्री रही अनुप्रिया पटेल को इस बार महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं मिली। लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन में दरारें पड़ गई थी। वह दरार अब तक मिट नहीं पाई। सार्वजनिक मंच पर भले ही दोनों दलों दल एक साथ दिखाई पड़े लेकिन कहीं न कहीं कसक है। प्रधानमंत्री की जनसभा में पहले सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी समेत कई केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को आना था। बाद में सभी के कार्यक्रम निरस्त करते हुए भदोही और मीरजापुर सांसद को मंच पर स्थान दिया गया। मंच पर सिर्फ भदोही सांसद रमेश ङ्क्षबद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मौजूद थे। जनसभा में मंच पर अनुप्रिया पटेल के मौजूद नहीं होने पर लोग चर्चा करने लगे, क्योंकि बहुत कम होता है जब प्रधानमंत्री के मंच पर इतनी संख्या कम होती है। सेवापुरी विधायक प्रधानमंत्री का जनसभा स्थल पर स्वागत करने के बाद एक किनारे बैठ गए। इस बारे में सांसद अनुप्रिया पटेल का कहना है कि पैर में चोट लगने के चलते अचानक कार्यक्रम निरस्त करना पड़ा। अपना दल पहले भी एनडीए के साथ थी और आगे भी रहेगी। दोनों दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है।