वाराणसी में मां अन्नपूर्णेश्वरी का तीसरा अन्न क्षेत्र जल्द लेगा आकार, प्रबंधन ने खरीदा 36 सौ स्क्वायर फीट का भवन
वाराणसी में अन्नपूर्णा मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए एक और अन्नक्षेत्र बनाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही यह नया अन्न क्षेत्र आकार लेगा। तीसरा अन्नक्षेत्र खोलने के लिए प्रबंधन मंथन कर रहा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : सृष्टि के भरण पोषण के लिए बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को भिक्षा देने वाली मां अन्नपूर्णेश्वरी का दरबार अन्नदान अभियान को विस्तार देने जा रहा है। अन्नपूर्णा मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए एक और अन्नक्षेत्र बनाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही यह नया अन्न क्षेत्र आकार लेगा। तीसरा अन्नक्षेत्र खोलने के लिए प्रबंधन मंथन कर रहा है।
मंदिर के पूर्व महंत रामेश्वर पुरी के निधन के बाद वर्ष 2021 में मंदिर प्रबंधन ने विश्वनाथ गली में 36 सौ स्क्वायर फीट का एक पुराना भवन श्रीअन्नपूर्णा मंदिर प्रबंधन के नाम से खरीदा है। अब इस भवन का नए सिरे से नवनिर्माण कर इसी भवन में तीसरा अन्नक्षेत्र खोलने की तैयारी हो रही है। महंत शंकर पुरी बताते हैं कि माता अन्नपूर्णेश्वरी का भोग प्रसाद अधिक से अधिक भक्तों के कंठ तक पहुंचे और इसमें स्थान की कमी आड़े न आए इसके लिए यह योजना बनी है। इसके लिए जल्द मंदिर न्यास की एक बैठक होनी है। इसके बाद नए अन्नक्षेत्र की रूपरेखा बनेगी।
शास्त्रीय मान्यता है कि काशी नगरी के पालन-पोषण के लिए देवाधिदेव महादेव मां अन्नपूर्णेश्वरी की कृपा पर आश्रित हैं। मंदिर के प्रथम तल पर स्थित अन्नदात्री मां की ममतामयी छवियुक्त स्वर्ण प्रतिमा कमलासन पर विराजमान हैं। वर्तमान में श्रीअन्नपूर्णा मठ मंदिर की ओर से दो अन्नक्षेत्र संचालित किए जा रहे हैैं। इसमें हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन प्रसाद ग्रहण करते हैं।
अन्नपूर्णा अन्नक्षेत्र ट्रस्ट 25 वर्षों से अन्नपूर्णा रसोई का संचालन कर रहा है। पूर्व महंत त्रिभुवन पुरी ने वर्ष 1997 में इस रसोई की शुरुआत पूड़ी-सब्जी से की थी। वर्ष 2003 में कालिका गली स्थित भवन में श्रद्धालुओं को बैठाकर प्रसाद खिलाने की व्यवस्था शुरू हुई। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए तत्कालीन महंत स्व. रामेश्वर पुरी ने वर्ष 2014 में बांसफाटक स्थित गली में दूसरी शाखा शुरू की। वैश्विक महामारी में ट्रस्ट ने प्रतिदिन 60 हजार लंच पैकेट वितरित किए। इस योगदान को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महंत स्व. रामेश्वर पुरी को शुभकामनाएं दी थीं।