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Lockdown में हरियाणा व पंजाब से बलिया पहुंचे एक दर्जन से अधिक मजदूर, रखे गए क्वारंटाइन में

अन्‍य राज्‍यों में काम करने वाले मजदूरों के आने का क्रम बलिया में सोमवार से शुरू हो गया। हरियाणा व पंजाब में काम करने वाले 14 मजदूर बस से रोडवेज बस अड्डा पर पहुंचे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 09:25 PM (IST)
Lockdown में हरियाणा व पंजाब से बलिया पहुंचे एक दर्जन से अधिक मजदूर, रखे गए क्वारंटाइन में
Lockdown में हरियाणा व पंजाब से बलिया पहुंचे एक दर्जन से अधिक मजदूर, रखे गए क्वारंटाइन में

बलिया, जेएनएन। अन्‍य राज्‍यों में काम करने वाले मजदूरों के आने का क्रम सोमवार से शुरू हो गया। हरियाणा व पंजाब में काम करने वाले 14 मजदूर बस से रोडवेज बस अड्डा पर पहुंचे। यहां पर स्वास्थ्य टीम ने उनकी विधिवत जांच की। इसके बाद केंद्रीय विद्यालय में इन सभी को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में रखा गया।

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जनपद के विभिन्न गांवों से गैर प्रांत में काम करने गए मजदूरों को उनके जिले में लाने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। इसके लिए सार्थक पहल भी शुरू कर दी गई है। जिले में लगभग दस हजार से अधिक मजदूरों के आने की उम्मीद है। इसके लिए प्रशासन ने 103 विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में बनाया है। मजदूरों को लेकर बस के पहुंचते ही उन्हें कतारबद्ध किया गया। इसके बाद एक-एक की विधिवत जांच की गई। इसके बाद एसडीएम सदर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव की देखरेख में इन सभी को केंद्रीय विद्यालय में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा गया। यहां उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था भी प्रशासन की तरफ से कराई गई। इस मौके पर नायब तहसीलदार अजय सिंह व जया सिंह भी मौजूद थीं।

श्रमिकों के खाली समय का सदुपयोग करने का निर्णय 

देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे लोगों, खासकर श्रमिकों को क्वारंटाइन के दौरान रोजगारपरक प्रशिक्षण देने की भी पहल की जा रही है। इससे कार्यों की जानकारी लेने के साथ समय का सदुपयोग भी कर सकेंगे। इसके लिए रोजगार क्षेत्र में काम करने वाले विभाग जिला उद्योग केंद्र, जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा), आईटीआई, रोजगार कार्यालय और कौशल विकास मिशन मिलकर काम करेंगे। ये सभी विभाग संयुक्त मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग के निर्देशन में काम करेंगे। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने उन्हें नोडल अधिकारी बनाकर यह जिम्मेदारी सौंपी है।

डीएम ने बताया कि छह हजार से अधिक व्यक्ति जनपद में वापस पहले ही आ चुके हैं। आने वाले व्यक्तियों में अधिकांश छोटे उद्योग, व्यवसाय, दैनिक मजदूरी तथा फैक्ट्रियों में कार्य करने वाले मजदूर हैं, जिनकी सम्भावित संख्या 10 हजार के आसपास है। इस प्रकार कुशल व अकुशल श्रेणी के दैनिक मजदूरों की संख्या लगभग 16 हजार होंगे। ऐसे व्यक्तियों को मनरेगा के अतिरिक्त रोजगार के अन्य अवसर भी उपलब्ध कराने के लिए जनपद में एक समेकित कार्ययोजना बनाने का प्रयास हो रहा है।

कौन किस क्षेत्र में है माहिर, इसका होगा सर्वे

बाहर से आने वाले लोगों में सबसे ज्यादा श्रमिक या मजदूरों की संख्या है। ऐसे में कौन किस क्षेत्र में माहिर है इसका सर्वे होगा। पांच विभागों की बनाई गई समिति समिति क्वारंटाइन के दौरान सुनियोजित ढंग शारीरिक दूरी व सतर्कता बरतते हुए उनकी कुशलता के क्षेत्र का सर्वे करेगी। क्वारंटाइन की अवधि में ही रोजगारपरक कार्यों के प्रशिक्षण देने की पहल करेगी। इसका उद्देश्य यही है कि इस खाली समय का बेहतर सदुपयोग कर सकें।

योग-प्राणायाम से जुड़ी संस्थाओं का भी लिया जाएगा सहयोग

क्वारंटाइन सेंटर में लोगों को रखा जाएगा। इसमें रोजगार प्रशिक्षण देने के अलावा आवश्यकतानुसार योगा-प्राणायाम व ध्यान से सम्बन्धित संस्थाओं व अन्य गैर सरकारी संस्थाओं का भी इस कार्य में सहयोग लिए जाने पर विचार हो रहा है। पांच विभागों की यह  समिति जनपद में आने वाले व्यक्तियों को महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित सूती कपड़े का दो-दो मास्क भी उपलब्ध कराएगी।


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