Monsoon 2022 : छह दिनों से मानसून एक ही जगह ठिठका, 25 दिन में उत्तर प्रदेश में होगा दाखिल
देश में सक्रियता के साथ शुरू होने वाला मानसून अब सुस्त चाल में आ गया है। लगभग छह दिनों से मानसून की सीमा रेखा एक ही जगह पर स्थिर होने से अब मानसून को लेकर लोगों की चिंता बढ़ने लगी है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में अमूमन मानसून 20 जून के आसपास सक्रिय हो जाता है। इस दौरान सोनभद्र के रास्ते मानसून उत्तर प्रदेश में दस्तक देता है और बादलों की सक्रियता से समूचा पूर्वांचल गर्मी से राहत की तलाश में जुट जाता है। इस लिहाज से आगामी 25 दिनों के भीतर ही मानसून उत्तर प्रदेश में सक्रिय होने की ओर है। हालांकि, चिंता की बात यह है कि मानसून अभी बंगाल की खाड़ी में जहां से चला था उसी रेखा के इर्द गिर्द ही मानसून की सक्रियता का रुख बना हुआ है। इस लिहाज से अगर मानसून की सक्रियता का रुख आगे भी थमा रहा तो समय पर मानसून के आने पर भी संशय शुरू हो जाएगा।
वहीं मौसम विभाग ने 31 मई से एक जून के आसपास समुद्र तटीय इलाकों जैसे केरल और तमिलनाडु में मानसूनी सक्रियता का अंदेशा जताया है। मानसूनी सक्रियता का दौर अगर इस समय बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बना हुआ है। इसकी शुरुआत सप्ताह भर पूर्व तय समय से पहले ही हुई थी लेकिन अब मानसूनी सक्रियता का दौर उसी शुरुआत के इर्द गिर्द बीते छह दिनों से बना हुआ है। इसकी वजह से मानसून अभी श्रीलंका तक भी नहीं पहुंच सका है। ऐसे में तय समय पर समुद्र तटीय इलाकों में सक्रिय होगा इस बात पर भी शंका के बादल मंडरा रहे हैं।
बीते वर्षों में 31 मई से लेकर जून के पहले सप्ताह तक मानसून समुद्र तटीय इलाकों में दस्तक दे देता था और मानसूनी सक्रियता मैदानी इलाकों की ओर बढ़ जाती थी। इसके साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ व झारखंड में सक्रियता के बाद यह सोनभद्र के रास्ते उत्तर प्रदेश में 20 जून के आसपास दाखिल हो जाता था। यहां से अगले पांच दिनों में यानी 25 जून को मानसून लखनऊ में दस्तक दे देता था। मगर अब मानसून सुस्त होने से थोड़ी चिंता लोगों की बढ़ गई है।