मौसम : मानसून ठहरा, उमस और गर्मी का पहरा
पूर्वाचल में इस समय मानसून समय से लगभग पांच दिन पीछे चल रहा है।
वाराणसी : पूर्वाचल में इस समय मानसून समय से लगभग पांच दिन पीछे चल रहा है। इस लिहाज से देखें तो अब उत्तर भारत में चिंता सहज और स्वाभाविक है। जिस प्रकार से तेजी से बढ़ रहे मानसून ने अचानक अपने कदम को थाम लिया उससे अब खेती किसानी के लिए भी चुनौतियां सिर उठाने लगीं हैं।
इन्हीं वजहों से पूर्वाचल में लोगों को भीषण गर्मी का ताप झेलना पड़ रहा है। वैसे मौसम विज्ञानी अब यहां पर मानसून 26 जून तक आने की उम्मीद जता रहे हैं। मगर गर्मी और उमस से तेज बारिश के बाद ही लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि प्री मानसूनी बादलों की वजह कुछ राहत है क्योंकि बादलों की आवाजाही बनी रहने से सूरज की किरणें जमीन तक नहीं पहुंच पा रहीं। मगर वातावरण से पर्याप्त नमी नहीं मिल पाने की वजह से बारिश भी नहीं हो रही है।
मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय के अनुसार इस बार मानसून केरल तक तो काफी गति के साथ आया मगर अब गति थम गई है। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि यहां भी 15 जून तक पहुंच जाएगा, लेकिन वह बीच रास्ते में ही धीमा पड़ गया। जबकि दूसरी ओर उत्तरी बिहार तक मानसून पहुंच गया था। प्रो. पांडेय ने बताया कि 50 साल के औसत को देखा जाए तो काशी में 15-20 जून तक मानसून पहुंच जाता है। इस बार यह स्थिति वायुमंडल में गड़बड़ी के चलते हुई है। वहीं कृषि विज्ञानी मान रहे हैं कि पांच दिन तो देर हो चुका है अब मानसून लेट होने से बहुत ज्यादा नुकसान होने की संभावनाएं बढ़ने लगी हैं।