बंगाल की खाड़ी से चली मानसून की द्रोणिका ने बदली चाल, पूर्वांचल में फिर गर्मी व उमस
मंगलवार को एक दिन की हल्की बारिश के बाद मानसून की द्रोणिका एक बार फिर दगा दे गई। गुरुवार को भी लोगों को भीषण गर्मी तेज धूप व उमस का सामना करना पड़ रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। मंगलवार को एक दिन की हल्की बारिश के बाद मानसून की द्रोणिका एक बार फिर दगा दे गई। पूरी उम्मीद थी कि द्रोणिका काशी आएगी और झमाझम बारिश लाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पूर्वांचल पहुंचने से पहले नीचे-नीचे ही मध्य प्रदेश के रास्ते महाराष्ट्र की ओर चली गई। इसके कारण वहां पर तेज बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। वहीं पूर्वांचल में यह सप्ताह सूखा ही निकल गया। गुरुवार को भी लोगों को भीषण गर्मी, तेज धूप व उमस का सामना करना पड़ रहा है।
बंगाल की खाड़ी से चली मानसून की एक द्रोणिका का मामूली अंश मंगलवार की सुबह पूर्वांचल में आया था। इसके कारण काशी सहित विभिन्न जिलों में हल्की तो कही तेज बारिश हुई। उम्मीद थी कि बुधवार को भी बारिश होगी, लेकिन यह उम्मीद धूमिल ही रह गई। इस पर भगवान भाष्कर हावी हो गए। पूरे दिन तेज धूप से लोग परेशान हो गए। उमस भरी गर्मी में लोग पसीना पोछते रहे। अब अगले सप्ताह ही यहां बारिश की उम्मीद है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि पिछला मानसूनी सप्ताह पूरी तरह से सूखा गुजरा है। अब इसी सप्ताह से उम्मीद बनी थी, लेकिन अब बारिश की कम ही उम्मीद है। हां, कही छिटपुट बारिश हो गई तो बात अलग है। उन्होंने बताया कि सात सितंबर को एक और सिस्टम बन रहा है। अगर यह द्रोणिका पूर्वांचल में आ गई तो बारिश की संभावना बनेगी। वरना इस साल सामान्य से कम ही बारिश का रिकार्ड बन जाएगा।