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पीएम स्वनिधि से ‘रिचार्ज’ हो गई मोबाइल की दुकान, वाराणसी में पहले चरण में 32 हजार ने लिया ऋण

छोटे दुकानदार ठेला पटरी वालों का सर्वे डूडा की ओर से सर्वे किया जाता है। इसके बाद डूडा ही आनलाइन पोर्टल पर सूची अपलोड करता है। इसके बाद विभिन्न बैंक इसमें से अपने खाताधारक छाटते हैं। इसी के आधार पर उनको स्टांप कर मुक्त ऋण स्वीकृत किया जाता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 08:06 PM (IST)
पीएम स्वनिधि से ‘रिचार्ज’ हो गई मोबाइल की दुकान, वाराणसी में पहले चरण में 32 हजार ने लिया ऋण
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है।

वाराणसी, मुकेश चंद्र श्रीवास्तव : बनारसी साव की संकट मोचन के पास एक मोबाइल रिचार्ज व एक्सेसरीज की दुकान है, जो कोरोना काल में बंदी के कगार पर पहुंच गई थी। इसी बीच पीएम स्वनिधि योजना शुरू हुई तो उससे 10 हजार रुपये ऋण लिया। इसके बाद कैसे भी दुकान व घर का खर्च चलने लगा। वरना कर्ज लेना पड़ता। बनारसी बताते हैं कि दुकान से अच्छी कमाई करने के बाद यह ऋण तुरंत भर दिया। अब तो इस योजना के तहत दूसरे चरण में 20 हजार रुपये ऋण लेकर दुकान को और विस्तार दे दिया हूं।

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इस योजना के तहत नगंवा की किरन यादव, जीवनाथपुर के विनय कुमार भी दूसरे चरण में 20-20 हजार रुपये ऋण लेकर अपने रोजगार को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी प्रकार जिले के 14 हजार उन लोगों के दूसरे चरण का ऋण स्वीकृत किया गया है जिन्होंने पहले चरण में लिए ऋण का समय पर भुगतान कर दिया। मालूम हो कि छोटे दुकानदार, ठेला, पटरी वालों के राेजगार को और आगे बढ़ाने के लिए जून 2020 में पीएम स्वनिधि योजना शुरू की गई।

इसके तहत दुकानदारों को बिना किसी खानापूर्ति के ही 10 हजार रुपये ऋण दिया जाता है। इसके तहत प्रथम चरण में जिले के करीब 32 हजार ठेले, खोमचे वाले मामूली ब्याज पर ऋण प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें लगभग 31 कारोड़ राशि दी जा चुकी है। पूरे देश में बेहतर प्रदर्शन पर वाराणसी को प्रथम पुरस्कार भी मिल चुका है। दूसरे चरण में उन्हें 20 हजार रुपये ऋण मिलेगा। वहीं दूसरे चरण में भी समय पर भुगतान के बाद लाभर्थियों को तीसरे चरण में 50 हजार ऋण प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

ऐसे होता है पीएम स्वनिधि के लाभार्थी का चयन

छोटे दुकानदार, ठेला, पटरी वालों का सर्वे डूडा (जिला शहरी विकास प्राधिकारण) की ओर से सर्वे किया जाता है। इसके बाद डूडा ही आनलाइन पोर्टल पर सूची अपलोड करता है। इसके बाद विभिन्न बैंक इसमें से अपने खाताधारक छाटते हैं। इसी के आधार पर उनको स्टांप कर मुक्त ऋण स्वीकृत किया जाता है। जिले में प्रथम चरण में करीब 31 हजार लोगों को ऋण स्वीकृत किया गया। इसके साथ ही दूसरे चरण के लिए करीब 14 हजार दुकानदारों ने ऋण के लिए आवेदन किया है। इसके तहत उन्हें 20 हजार ऋण मिलेगा।

- अभय प्रकाश श्रीवास्तव, अग्रणी जिला प्रबंधक, वाराणसी


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