Varanasi के 19 गांवों में मनरेगा व अन्य निर्माण कार्यों पर लगी रोक, मजदूरों के सामने संकट
वाराणसी के 19 गांवों में हाॅटस्पाॅट घोषित होने के चलते मनरेगा व अन्य निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। इससे मजदूरों के सामने संकट उत्पन्न हो गया है।
वाराणसी, जेएनएन। देश में लाकडाउन-4 में काफी सहूलियत मिली है। व्यवसायिक प्रतिष्ठान, उद्योग और निर्माण कार्य काफी हद तक शुरू हो गए हैं। इसके बावजूद प्रवासी श्रमिक परदेस में रुकने के लिए तैयार नहीं हैं। वे किसी प्रकार से अपनी जन्मभूमि लौटना चाहते हैं। शासन, प्रशासन की अपील का उन पर कोई प्रभाव नहीं है। प्रवासी अपने गांव लौटकर यहीं पर कुछ रोजगार की आस लिए आ रहे हैं। फिर भी कुछ गांवों में उन्हें न ही रोजगार मिला और कुछ को तो उल्टे क्वारंटाइन होना पड़ा। इसका कारण है उनके गांव कोरोना पाजिटिव हो गए हैं।
बहुत से प्रवासियों की इच्छा है कि वे अब गांवों में ही रह कर रोजगार करेंगे। सरकार की भी इच्छा है कि प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा, शौचालय, सड़क, हाईवे, शौचालय और आवास आदि के कार्य शुरू कर दिए गए। प्रवासियों का आशा बंधी कि गांवों में भी उनका जीवन सुरक्षित है। इस बीच प्रवासियों की वजह से आए कोरोना पाजिटिव ने उनकी आशा पर पानी फेर दिया। परिणामस्वरूप जिले के 19 गावों में सभी प्रकार के कार्य रोक दिए गए। इन गांवों के श्रमिकों को दूसरे गांव में भी नहीं भेजा जा सकता है।
कुछ गांवों में प्रवासियों के पास घर नहीं होने या ग्रामीणों के विरोध के कारण प्राथमिक विद्यालय या पंचायत भवन में क्वारंटाइन होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं जनपद के 62 गांव पहले ही नगर निगम की सीमा में शामिल कर दिए गए हैं। इस कारण वहां पर भी मनरेगा आदि के या नए कार्य नहीं हो रहे हैं। इस प्रकार इन गांवों के प्रवासियों की आशाओं पर पानी फिर गया है।
इन गांवों में रोका गया कार्य
जिन गांवों में कोरोना पाजिटिव मिलने के बाद हाटस्पाट बनाया गया है वे हैं प्रतापपुर, रामपुर, बराई, छितौना, चिरईगांव, लटौली, बर्थराकला, रुस्तमपुर, हरिदासीपुर, कैथी, माधोपुर, गरखड़ा, गाडर, रतनपुर, हीरमपुर, नारायणपुर, कुरौना, खेवसीपुर, खरगीपुर हैं। यहां पर मनरेगा व अन्य कार्य को रोक दिया गया है।