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प्रभारी मंत्री पर भड़कीं विधायक, कहा - बात न सुनना हो तो बैठक में मत बुलाया करें

विधायक ने कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में प्रभारी मंत्री जय प्रकाश निषाद को ही आड़े हाथों ले लिया, बोलीं बात न सुननी हो तो हमें बैठक में मत बुलाया करिए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 04:47 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 06:06 PM (IST)
प्रभारी मंत्री पर भड़कीं विधायक, कहा - बात न सुनना हो तो बैठक में मत बुलाया करें
प्रभारी मंत्री पर भड़कीं विधायक, कहा - बात न सुनना हो तो बैठक में मत बुलाया करें

चंदौली । अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा की विधायक साधना सिंह मंगलवार को समीक्षा बैठक में काफी तल्‍ख नजर आईं। उन्‍होंने कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में प्रभारी मंत्री जय प्रकाश निषाद को ही आड़े हाथों ले लिया। बोलीं हमारी बात न सुननी हो तो हमें बैठक में मत बुलाया करिए। बुलाया जाएगा तो जनहित के मामले उठाने से पीछे नहीं रहूंगी, क्याेंकि जनता के बीच हमें रहना है। जनता का काम नहीं होगा तो उनके सवालों का क्या जवाब दूंगी?

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तल्‍ख लहजे से सब सन्‍न

उनका लहजा तल्ख था बोलीं आप से (प्रभारी मंत्री) कुछ नहीं हो पा रहा तो शिकायत करने पर बार-बार चुप मत कराया करिए। आरोप लगाईं कि एक सफाई कर्मी डीपीआरओ कार्यालय चला रहा लेकिन उनकी शिकायत का संज्ञान नहीं लिया जा रहा। भाजपा विधायक ने डीपीआरओ कार्यालय में तैनात एक सफाई कर्मी को हटाने के लिए मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत की थी। उस मामले को न तो मुख्य विकास अधिकारी और ना ही डीपीआरओ ने गंभीरता से लिया। नाराज विधायक अपनी बात रख ही रही थी कि मंत्री जी ने चुप रहने को कह दिया। इससे विधायक अपना आपा खो बैठीं।

डीपीआरओ पर लगाया आरोप

आरोप लगाया कि डीपीआरओ ने सफाई कर्मी को अपना मालिक बना दिया है। सफाई कर्मी ही डीपीआरओ कार्यालय चला रहा है। मंत्री जी ने जब डीपीआरओ उमाशंकर मिश्र को तलब किया तो वे हाथ जोड़कर खड़े हो गए। कहा कर्मचारियों के अभाव के कारण सफाई कर्मी को रखा गया है। मंत्री ने दो टूक कहा सफाई कर्मी को गांव में भेजें कार्यालय से तत्काल हटाएं। अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को संज्ञान में लें, उनके पत्रों का अवश्य उत्तर दें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। 

विधायक चकिया ने लगाया आरोप

चकिया विधायक शारदा प्रसाद ने भी जिले के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए। कहा अधिकारी जांच के नाम पर लीपापोती कर रहे हैं। हाल ही में नौगढ़ के बाघी गांव में जांच को पहुंचे अधिकारी की मनमानी से ग्रामीणों को सड़क पर उतरना पड़ा। वहीं बिजली विभाग के अफसर ग्रामीणों का फोन ही नहीं उठाते। तार टूट जाए आदमी मर जाए फिर भी इनका फोन नहीं उठता। मंत्री ने अधिशासी अभियंता विद्युत को चेतावनी दी कि यह घोर लापरवाही है। इस तरह का कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विधायक ने कहा हैंड रिबोर के नाम पर ग्रामीणों का मजाक उड़ाया जा रहा है। प्रधानों के खाते में पैसा ही नहीं होगा तो हैंडपंप रिबोर कहां से होगा।


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