अचानक ट्विटर पर #Mirzapur करने लगा शीर्ष ट्रेंड, चर्चा में कुछ इस तरह आया शहर Mirzapur news
पूर्वांचल का जिला मीरजापुर अचानक सोमवार की रात अचानक ट्विटर के टॉप ट्रेंड में शामिल हो गया और देखते ही देखते दस हजार से अधिक हैशटैग ट्विटर पर नजर आने लगे।
मीरजापुर, जेएनएन। पूर्वांचल का जिला मीरजापुर अचानक सोमवार की रात अचानक ट्विटर के टॉप ट्रेंड में शामिल हो गया और देखते ही देखते दस हजार से अधिक हैशटैग ट्विटर पर नजर आने लगे। दरअसल पूरा मामला है मिड डे मील योजना के तहत स्कूल में बच्चों को नमक-रोटी खिलाने का। इस प्रकरण में प्रशासन अब मामला उजागर करने वालों को निशाना साधने में जुटा हुआ है।
इस प्रकरण में प्रधान प्रतिनिधि को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया वहीं पत्रकार भी प्रशासन के निशाने पर है। शासन प्रशासन के निशाने पर मामला उजागर करने वाले ही होने की वजह से अब देश भर में मीरजापुर प्रशासन को कठघरे में लोग खडा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सोमवार को इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर मीरजापुर प्रशासन और प्रदेश शासन को कठघरे में खड़ा किया गया है। देखते ही देखते प्रशासन की मामला उजागर करने वालों पर कार्रवाई वायरल हो गई।
अहरौरा थाना क्षेत्र के प्राथमिक पाठशाला शिउर में बच्चों को नमक-रोटी दिए जाने के मामले में पुलिस ने सोमवार को नामजद राजकुमार पाल निवासी लतीफपुर को उसके गांव से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ग्राम प्रधान शुक्कर के प्रतिनिधि के रूप में राजकुमार पाल स्वयं को हर जगह प्रस्तुत करता रहा है। जिलाधिकारी द्वारा की गई जांच एवं वायरल वीडियो एवं आडिओ में भी उसने स्वयं को प्रधान प्रतिनिधि ही बताया है।
प्राथमिक विद्यालय शिउर में बच्चों को नमक-रोटी खिलाने का मामला तूल पकडऩे पर खंड शिक्षा अधिकारी ने एक पत्रकार, प्रधान प्रतिनिधि समेत एक अज्ञात के खिलाफ अहरौरा थाने में तहरीर दी थी। बताया था कि 22 अगस्त को प्राथमिक विद्यालय शिउर में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को नमक-रोटी खिलाए जाने के प्रकरण की जांच करने के लिए जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने प्रभारी बीएसए/सीडीओ प्रियंका निरंजन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। जिसमें सीडीओ के अलावा एडीएम (वित्त एवं राजस्व) एवं एसडीएम चुनार शामिल थे। गठित टीम द्वारा जांच के बाद पहले प्रशासन ने माना कि बच्चों को नमक-रोटी खिलाई गई और इसके जिम्मेदार शिक्षक, एनपीआरसी व बीईओ के निलंबन की कार्रवाई की गई। साथ ही बीएसए का यहां से स्थानांतरण कर दिया गया। इसके बाद प्रशासन सरकार की छवि बचाने की आड़ लेकर शिक्षा महकमे के अधिकारियों को बचाने के लिए पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया। चार दिनों में ही प्रशासनिक अफसरों की जांच पलट गई और अब वे पूरे मामले के लिए एक पत्रकार व कथित प्रधान प्रतिनिधि को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं। प्रशासन का मानना है कि कथित प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल ने साजिश रचकर पत्रकार पवन जायसवाल से उसका वीडियो बनवाकर वायरल करवाया। इसके बाद प्रशासन ने उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी। सोमवार को नगर के लतीफपुर गांव के पास से कथित प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
नमक-रोटी मामले में शिक्षक, बीईओ व बीएसए के खिलाफ हुई थी कार्रवाई
गौतलब हो कि नमक-रोटी के मामला का मामला उजागर होते ही जनपद से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया था। बीएसए प्रवीण तिवारी ने अपना गला बचाने के लिए आनन-फानन में एक शिक्षक और एनपीआरसी को निलंबित कर दिया था। इसके बाद प्रशासन की जांच में जिम्मेदार पाए गए खंड शिक्षा अधिकारी जमालपुर को भी शासन ने निलंबित कर दिया। वहीं डीएम ने डीसी एमडीएम की संविदा समाप्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा था। मामला यहीं तक नहीं रूका। शासन से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी का भी स्थानांतरण डायट प्रयागराज में कर दिया गया था। लेकिन अब प्रशासन ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है।