योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ने मुठभेड़ पर खड़े किए सवाल
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने पुलिस मुठभेड़ के एक मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है। इस संबंध में सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
वाराणसी (जेएनएन)। एक ओर जहां अपराध और अपराधियों पर नकेल को लेकर योगी सरकार में खाकी के एनकाउंटर मिशन की तारीफ हो रही है तो वहीं सवाल भी उठाए जा रहे हैं। अब की यह सवाल उठाने वाले खुद सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर हैं। उन्होंने आजमगढ़ में पुलिस मुठभेड़ के एक मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है। ओमप्रकाश ने इस संबंध में सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
मंत्री राजभर ने अपने पत्र में लिखा है कि 26 जनवरी की रात आजमगढ़ पवई थाना क्षेत्र में मुतकल्लीपुर गांव के मुकेश राजभर पुत्र दूधनाथ राजभर का पुलिस ने एनकाउंटर किया। इस मामले में मुकेश के पिता ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार देते हुए उनसे गुहार लगाई। ऐसे में उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री इस मामले की सीबीआइ जांच कराने की संस्तुति प्रदान करें। फोन पर हुई बातचीत में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मुकेश के पिता ने उनसे मुलाकात में कुछ सवाल उठाए थे जो पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर गंभीर संदिग्ध हालात बनाते हैं। इसमें कहा गया है कि चोरी जैसे मामूली अपराध पर पुलिस ने मुकेश पर गैंगस्टर की कार्रवाई की। वह खारिज हो गया तो मुकेश कमाने कानपुर चला गया जहां से पुलिस ने उसे उठाकर एनकाउंटर कर दिया। इसके बाद पुलिस ने बताया कि वह 50 हजार का इनामी था। पुलिस को यह बताना चाहिए कि आखिरकार इनाम कब घोषित हुआ, हुआ तो क्या इसे सार्वजनिक तौर पर घोषित किया गया।
मंत्री ने यह भी कहा कि सूबे में अपराधियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई ठीक है लेकिन कुछ ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें प्रतीत होता है कि बेगुनाह या कम गुनाह वालों को भी पुलिस फर्जी एनकाउंटर कर मौत की नींद सुला रही है। मुकेश मामले की सीबीआइ जांच के बाद इस प्रकरण की भी सत्यता सामने आ जाएगी। विदित हो कि ओम प्रकाश राजभर इससे पूर्व भी योगी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर मोर्चा खोल चुके हैं। उन्होंने तभी यह कहा था कि थानों में 500 की घूस 5000 तक पहुंच गई है। अब राजभर समाज के अपराधी से जुड़े एनकाउंटर को लेकर सीएम सहित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व डीजीपी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।