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बलिया में राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के विवादित बोल - 'अबुल कलाम आजाद के हृदय में नहीं था भारत व भारतीयता के प्रति स्थान'

बलिया जिले में संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ. अबुल कलाम आजाद पर बेतुका टिप्पणी की है। बेाले डॉ. अबुल कलाम आजाद के हृदय में भारत व भारतीयता के प्रति स्थान नहीं था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 08:55 PM (IST)
बलिया में राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के विवादित बोल - 'अबुल कलाम आजाद के हृदय में नहीं था भारत व भारतीयता के प्रति स्थान'
आनंद स्वरूप शुक्ल ने देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ. अबुल कलाम आजाद पर बेतुका टिप्पणी की है।

बलिया, जेएनएन। संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ. अबुल कलाम आजाद पर बेतुका टिप्पणी की है। बेाले, डॉ. अबुल कलाम आजाद के हृदय में भारत व भारतीयता के प्रति स्थान नहीं था। उन्होंने इतिहास में भारतीय नायकों शिवाजी व महाराणा प्रताप की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया है।

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जननायक चंद्रशेखर विश्विद्यालय में एक कार्यक्रम में आए राज्यमंत्री ने कहा कि देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ. अबुल कलाम आजाद के हृदय में भारत व भारतीयता के प्रति स्थान नहीं था। शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के बाद एमसी छागला, नुरुल हसन और हुमायूं कबीर जैसे लोगों ने भी भारत की शिक्षा पद्धति को नुकसान पहुंचाया। भारतीय इतिहास में शिवाजी व महाराणा प्रताप की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इतिहास में गुरु तेग बहादुर का कोई उल्लेख नही मिलता। बोले, कश्मीरी पंडितों ने गुरु तेग बहादुर से आग्रह किया कि आइए हमारी रक्षा कीजिए, औरंगजेब की सेना हम पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रही है। यह सुनकर गुरु तेग बहादुर जब वहां गए तो औरंगजेब की सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर उनका सिर कलम कर दिया। उन चीजों को इतिहास से हटा दिया गया है। केवल जो चीजें दिखाई गईं, उनमें अकबर महान शामिल है। आईने अकबरी और अकबर के समकालीन इस्लामी इतिहासकारों ने भी उसे कभी महान नहीं कहा।  कहा कि जो लोग भारत को अखंड रखना चाहते थे, उन सारे लोगों को सांप्रदायिक कहा गया। 

राज्यमंत्री ने भारत के विभाजन को लेकर भी प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू पर निशाना साधा। आरोप लगाया कि जहां के लोग पाकिस्तान नहीं बनाना चाहते थे वहां पाकिस्तान बनाया गया और जहां के लोगों ने पाकिस्तान के गठन के लिए ज्यादा वोट किया था, वे देश में ही रह गए। 


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