वाराणसी में मर गई लाखों रुपये की मछली, तालाब में जहर डालने की जता रहे आशंका
वाराणसी में बड़ागांव थाना अंतर्गत ग्रामसभा चंदीपट्टी के राजस्व गांव में रविवार की सुबह लाखों रुपये की मछलियां मरी हुई पाईं गईं।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में काशी की मछलियां भी अब दम तोड़ने लगी हैं। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के लोगों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मछलियों का मरना यहां के लोगों को झटका देने से कम नहीं है। चंदीपट्टी के राजस्व गांव (नरायनपुर) में रविवार की सुबह तालाब में लाखों रुपये की मछलियां मरी मिली। बड़ागांव थाना अंतर्गत ग्रामसभा चंदीपट्टी के राजस्व गांव में सरकार से पट्टे पर तालाब लेकर अनिल कुमार राम मछली पालन का कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि तालाब में 6 महीने पहले मछली के बच्चाें को छोड़ा था। लॉकडाउन की वजह से मछलियाें को तालाब से नहीं निकाला जा रहा था।
मामले में कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई, गांव में तरह-तरह की चर्चाएं
अनिल कुमार राम आशंका जता रहे हैं कि शनिवार की रात में किसी शरारती तत्व ने तालाब में जहरीला पदार्थ डाल दिया होगा। इसकी वजह से मछलियाें की मौत हो गई और पानी में उतरा गईं। बताया कि सुबह जब मैं तालाब के किनारे पहुंचा तो देखा कि मछलियां मरी हुई हैं। इस बाबत ग्राम प्रधान हरिश्चंद्र को जानकारी दी और शरारती तत्वों के बारे में आशंका भी जताई। हालांकि पुलिस में अभी तक इस मामले में कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है। वहीं इसको लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी है।
कज्जाकपुरा नई बस्ती के गड्ढे में कई क्विंटल मछलियां मरी पाई गई थीं
इससे पूर्व कज्जाकपुरा नई बस्ती के गड्ढे में कई क्विंटल मछलियां मरी पाई गई थीं। ये सभी मछलियां अवैध थीं और इनकी बिक्री पर पूरी प्रतिबंध लगाया गया है। दुर्गंध होने के बाद स्थानीय लोगों ने नगर निगम को इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने मरी हुईं मछलियों को वहां से हटाया था और दुर्गंध दूर करने के लिए चूने का छिड़काव किया था। ये मछलियाें किन कारणों से मरी थी उसका भी पता नहीं चल पाया था।